अगर आपके भी घर में बेटी है और उसकी उम्र 11 – 12 साल के बीच में है तो ऐसे में आपको उसकी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत है। दरअसल आज कल की लाइफस्टाइल के अनुसार हमारी बॉडी में कई तरह के चेंज आ रहे हैं।
इनमे सबसे ज्यादा चेंज तो प्युबर्टी हिट होने के हैं। जिसका असर 11 – 12 साल की लड़कियों में भी पड़ रहा है। तो आईये आज इसी से जुडी कुछ खास बाते जानते हैं।
अगर बेटी को इस उम्र में पीरियड्स शुरू हो गये हैं तो बहुत सी बातों की जानकारी होना जरूरी है। इसके लिए हमने बात की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सुगंधा भाटिया से।
डॉक्टर के मुताबिक 11 साल तक की बच्चियों के लिए कोई हेल्थ टेस्ट की खास जरूरत नहीं है। लेकिन उनके लिए ब्लड टेस्ट और सामान्य रूटीन हेल्थ चेकअप करवा लेना पर्याप्त हैं।वहीँ अगर 11-12 साल के बाद बच्चियों में प्यूबर्टी यानी कि यौवन अवस्था की शुरुआत हो चुकी है
तो इस दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होने के चलते कई सारी शारीरिक समस्याएं भी होती हैं। ऐसे में इन समस्याओं से निपटने के लिए कुछ जांच की आवश्यकता होती है। चलिए अब इन हेल्थ टेस्ट के बारे में जान लेते हैं।
हीमोग्लोबिन टेस्ट है जरूरी
दरअसल पीरियड्स शुरू होने के साथ ही लड़कियों में एनीमिया यानी खून की कमी होती है। जिस वजह से शारीरिक कमजोरी और थकान महसूस होती है। ऐसे में हीमोग्लोबिन टेस्ट जरूरी है ताकि अगर बच्ची के शरीर में खून की कमी हो रही है तो बेहतर आहार और उपचार के जरिए उसकी पूर्ति की जा सके।
विटामिन टेस्ट कराएं
जब बच्ची की प्युबर्टी हिट होती है तो जरूरी है उसका शारीरिक विकास सही ढंग से हो सके इसलिए विटामिन की पूर्ति होना बेहद जरूरी है। विटामिन की कमी न सिर्फ शारीरिक विकास को रोक सकती है, बल्कि इसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम होने लगती है।
इसके कारण आपकी बच्ची जल्दी किसी भी बीमारी की चपेट में आ सकती है। ऐसे में बचाव के लिए जरूरी है कि आप बच्ची का विटामिन टेस्ट एक बार जरूर करवा लें। ताकि उस टेस्ट के आधार पर जरूरी विटामिन बच्ची को दिए जा सकें।
अब जरुरी है पीसीओडी की जांच
डॉक्टर सुगंधा के मुताबिक अब 13-14 साल से बच्चियां पीसीओडी का शिकार भी होने लग गयी है। ऐसे में इस ऐज की लड़कियों को पीसीओडी की जांच जरूर करावा लेनी चाहिए।
वहीँ अगर वजन लगातार बढ़ रहा है , पीरियड्स अनियमित हो रहे हैं या फिर चेहरे पर बाल उग रहे हैं तो इस स्थिति में पीसीओडी की जांच जरूरी हो जाती है। इसके लिए बीएमआई (Body Mass Index) और कुछ ब्लड टेस्ट के जरिए मूल समस्या का पता लगाया जा सकता है।
ब्लड शुगर टेस्ट
आजकल के लाइफ स्टाइल को देखते हुए छोटी उम्र में ही लोग शुगर का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में जरूरी है कि एक बार अपनी बच्ची का शुगर लेवल जरूर टेस्ट करा ले। ताकि आगे चलकर किसी तरह की समस्या न हो पाए।
अन्य टेस्ट
बता दें इन विशेष जांचों के अलावा कुछ अन्य टेस्ट भी जरूर करवाते रहे। दरअसल आजकल बच्चे मोबाइल या लेपटॉप की स्क्रीन ज्यादा देखते हैं, इसलिए उन्हें आँखों से जुडी समस्या भी हो सकती है।
ऐसे में आई टेस्ट भी जरुर करवाएं। वहीं अधिक मीठी चीजें खाने के कारण बच्चों और किशोरों में दांतों में सड़न और पल्पिटिस की समस्या भी देखने को मिलती है। इससे बचाव और रोकथाम के लिए आप अपनी बच्ची की दातों की जांच समय पर करवाएं।