साउथ कोरिया की हान कांग को साहित्य का नोबेल प्राइज मिला है। यह नोबेल प्राइज उन्हें जीवन की जिंदगी की कहानियों को खूबसूरत अंदाज में पेश करने के लिए दिया गया है। हान कांग नोबेल प्राइज जीतने वाली साउथ कोरिया की पहली महिला हैं।
इस नोवल पर हुई काफी चर्चा
नोबेल कमेटी ने हान कांग की एक नोवेल 'ग्रीक लेसन' की खासतौर पर चर्चा की है। ये एक लड़की की कहानी है जो अपने जीवन के कष्टों की वजह से आवाज खो चुकी होती है। उसकी मुलाकात एक ग्रीक पढ़ाने वाले टीचर से होती है जो अपनी आंखों की रोशनी खो रहा है। ये नोवेल दो इंसानों के बीच बातचीत की बाधाएं होने के बावजूद पनपे रिश्ते को खूबसूरती से बयां करती है।
ग्वांगजू में हुआ था हान कांग का जन्म
हान कांग का जन्म 1970 में दक्षिण कोरिया के ग्वांगजू में हुआ था। वह साहित्यिक बैकग्राउंड से आती हैं और उनके पिता एक जाने-माने उपन्यासकार थे। उन्होंने 1993 में मुन्हाक-ग्वा-साहो (साहित्य और समाज) के शीतकालीन अंक में "विंटर इन सियोल" सहित 5 कविताओं को प्रकाशित करके एक कवि के रूप में अपनी साहित्यिक शुरुआत की।
1994 में शुरू की करियर की शुरूआत
उन्होंने अगले वर्ष रेड एंकर के साथ 1994 सियोल शिनमुन स्प्रिंग लिटरेरी कॉन्टेस्ट जीतकर एक नोवलिस्ट के रूप में अपना करियर शुरू किया। उन्होंने 1995 में येओसु (मुंजी पब्लिशिंग कंपनी) शीर्षक से अपना पहला लघु कहानी संग्रह प्रकाशित किया। उन्होंने 1998 में आर्ट्स काउंसिल कोरिया के समर्थन से 3 महीने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ़ आयोवा इंटरनेशनल राइटिंग प्रोग्राम में भाग लिया
हान कांग के साहित्य को जानें
उनके प्रकाशनों में एक लघु कहानी संग्रह, फ्रूट्स ऑफ माई वूमन (2000), फ़ायर सैलामैंडर (2012); ब्लैक डियर (1998), योर कोल्ड हैंड्स (2002), द वेजिटेरियन (2007), ब्रीथ फाइटिंग (2010), और ग्रीक लेसन्स (2011), ह्यूमन एक्ट्स (2014), द व्हाइट बुक (2016), आई डू नॉट बिड फेयरवेल (2021) जैसे उपन्यास शामिल हैं। एक कविता संग्रह, आई पुट द इवनिंग इन द ड्रॉअर (2013) भी प्रकाशित हुआ।
नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को मिला था 2023 में साहित्य का नोबेल
साहित्य का नोबेल प्राइज 2023 नॉर्वे के राइटर जॉन फॉसे को दिया गया था। उन्हें ये प्राइज उनके नाटकों और कहानियों के लिए दिया गया था। उन्होंने उन नाटकों और कहानियों के जरिए उन लोगों को आवाज दी है जो अपनी बातें कहने में सक्षम नहीं थे।