फिरोजपुर के ममदोट के साथ लगते गांव सैदे के नोल के स्कूल में एक नर्सरी के बच्चे और टीचर की वीडियो ने सब का दिल जीत लिया है। वीडियो देख एक बार तो आपकी आंखों में पानी आ जाएगा। कहा जाता है कि बच्चों में भगवान का रूप होता है क्योंकि वह जो बोलता है बिल्कुल सच ही बोलता है। ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है।
दरअसल, वीडियो में नर्सरी क्लास का अमृत नाम का बच्चा बहुत दर्द भरे शब्दों में अपने टीचर लखविंदर सिंह को बताता है कि मैं आज स्कूल का होमवर्क करके नहीं आया हूं। जब टीचर उससे पहुंचता है क्यों? घर से रोटी खाकर आया थे, बच्चा जवाब देता नहीं, टीचर फिर पहुंचता क्यों? बच्चा जवाब देता की घर में आटा ना होने के कारण रोटी नहीं बनी। इसलिए मैं खाकर नहीं आया।
फिर टीचर ने खिलाया खाना
जिसके बाद अमृत और उसके भाई को टीचर खूद खाना खिलाता है। टीचर लखविंदर सिंह ने बताया कि वह तो ऐसे ही वीडियो बना रहा था। मुझे नहीं पता था कि बच्चा ऐसा जवाब देगा। लेकिन अमृत द्वारा बोले गए शब्दों ने मुझे रुला कर रख दिया। उन्होंने कहा कि जिनके सिर पर मैं रोटी खाता हू मेरे परिवार का गुजारा होता है। आज वह ही बच्चे ही भूखे स्कूल आए है।
बच्चे घर काफी गरीबी
वहीं, बच्चे की मां ने कहा कि उनके घर काफी गरीबी है। घर का गुजारा काफी मुश्किल से हो रहा है। अगर बच्चे के पिता को काम मिल जाता है तो घर में खाना बन जाता है और जब कभी काम नहीं मिलता तो कई बार उनको भूखे पेट भी सोना पड़ता है।
आसपास के घर से आटा मांगा लेकिन नहीं मिला
इस बच्चे की मां ने बताया कि उस दिन भी कुछ ऐसा हुआ कि जब बच्चों को स्कूल भेजते समय उसने देखा तो घर में आटा नहीं था और अपने बच्चों को खाना खिलाने के लिए वह आसपास के 2 घरों में आटा मांगने गई मगर आटा नहीं मिल सका, जिस कारण उसे अपने बेटे अमृत को भूखे पेट स्कूल भेजना पड़ा।
वहीं, इस वीडियो को लेकर टीचर ने कहा कि बच्चे ने बड़ी मासूमियत के साथ स्कूल का होमवर्क ना करके आने के बारे में बताया। टीचर ने कहा कि बच्चे की बेबसी वाली वीडियो को बार-बार देखता रहा और किसी ने उसको यह सुझाव दिया कि अगर इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल दिया जाए। तो शायद इस परिवार की मदद के लिए कोई आगे आ जाए।
गरीब परिवार-बेजुबानों की मदद करना ही सबसे बड़ी सेवा
टीचर ने उसको सोशल मीडिया पर डाल दिया जो अब बहुत तेजी से वायरल हो रही है। ऐसे में भगवान ने भी यही कहा है कि गरीब परिवार और बेजुबानों की मदद करना ही सबसे बड़ी सेवा है। ऐसे परिवारों की मदद के लिए आगे आना चाहिए और ऐसे बेरोजगार लोगों को रोजगार के भी साधन उपलब्ध करवाए जाने चाहिए तांकि जो कोई भी बच्चा या गरीब परिवार भूखे पेट ना रह सके और कुछ और नहीं तो कम से कम ऐसे गरीब परिवारों को 2 वक्त की रोटी खाने के लिए जरूर मिले।