Even if the money runs out, power will not be cut in the smart meter for seven days : स्मार्ट प्रीपेड मीटर को लेकर हो रहे आंदोलन के बीच बिजली कंपनी ने उपभोक्ताओं को एक बड़ी सुविधा देने का निर्णय लिया है। अब स्मार्ट मीटर में पैसा खत्म भी हो जाएगा तो उनकी बिजली गुल नहीं होगी। अभी मीटर का पैसा खत्म होने पर तीन दिनों तक बिजली गुल नहीं होती है। सात दिनों तक बिजली गुल नहीं होने की सुविधा उपभोक्ताओं को इसी महीने से मिल सकती है। कंपनी के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, स्मार्ट प्रीपेड मीटर का पैसा खत्म होने के बाद भी सात दिनों तक बिजली की सुविधा बहाल बनाए रखने के लिए कंपनी ने अपने सॉफ्टवेयर को अपडेट करना शुरू कर दिया है। सॉफ्टवेयर अपडेट होते ही इसका ट्रायल किया जाएगा।
एक माह का समय लगेगा
ट्रायल में यह देखा जाएगा कि पैसा खत्म होने पर भी सात दिनों तक बिजली की सुविधा बहाल रहती है या नहीं। इस पूरी प्रक्रिया को करने में अधिकतम एक महीने का समय लग सकता है। कंपनी की कोशिश है कि इसी महीने से उपभोक्ताओं को यह सुविधा मिलने लगे। कंपनी का मानना है कि सात दिनों का ग्रेस पीरियड मिलने पर उपभोक्ताओं के बीच अफरातफरी की स्थिति नहीं रहेगी। लोग आराम से बिजली मीटर को रिचार्ज करा सकेंगे।
क्यों लिया जा रहा निर्णय
बिहार में वर्ष 2019 से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग रहे हैं। कंपनी ने सबसे पहले शहरी इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाए। शहरी इलाकों में मीटर को लेकर आक्रोश कम पनपा। कहीं-कहीं इनकार किए जाने पर कंपनी के अधिकारियों ने लोगों को समझाकर स्मार्ट मीटर लगा दिया। अधिक परेशानी ग्रामीण इलाकों में हो रही है। आए दिन किसी ने किसी जिले से शिकायत मिल रही है कि लोग अपने घरों में स्मार्ट मीटर नहीं लगाना चाह रहे हैं। कई जगहों पर तो मारपीट की नौबत आ गई है।
जिलाधिकारियों को लगाया
आरा के उदवंतनगर, पीरो, गड़हनी, जगदीशपुर, कारीसाथ व बड़हरा, बक्सर के रघुनाथपुर, चौसा, डालसागर, पुरुषोत्तमपुर और ब्रह्मपुर, पूर्णिया में बाराकोठी और बनमनखी, कटिहार के कदुआ उत्तर व दक्षिण, किशनगंज के ग्रामीण इलाकों के अलावा पोठिया और विष्णुपुर में भारी संख्या में लोगों ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर का विरोध किया। अगर किसी गांव में कंपनी के अधिकारी चले भी गए तो भारी विरोध के कारण बैरंग वापस लौटना पड़ा। कंपनी ने इस काम में जिलाधिकारियों को लगाया है।