एयर पॉल्युशन का लेवल लगातार बढ़ रहा है। इसी कारण आंख से जुड़ी समस्याएं अब आम हो रही है। इससे भी ज्यादा मोबाइल, टीवी और गैजेट की स्क्रीन आंखों के लिए दुश्मन बनती जा रही हैं। आलम यह है कि 2 से 3 साल के बच्चों को भी चश्मा लगाना पड़ रहा है। ज्यादातर लोगों को आई ड्रॉप का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। हालांकि जब हम आई ड्रॉप का इस्तेमाल करते हैं तो इसे बहुत दिनों तक खुला छोड़ देते हैं जबकि कई आई ड्रॉप पर प्रिकॉशन लिखा रहता है कि इसे खोलने के 28 दिनों के बाद इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। हालांकि कुछ लोगों का ध्यान इस पर नहीं जाता है। लेकिन अगर बोतल की सील खुलने के 28 दिनों बाद भी इसका इस्तेमाल किया जाए तो आंखों से संबंधित गंभीर बीमारियां सामने आ सकती है। अगर इसका ज्यादा दिनों तक इस्तेमाल किया जाए तो आंखों की रोशनी जा भी सकती है।
28 दिन बाद इसका इस्तेमाल ना करें -
आई एक्सपर्ट के मुताबिक, आई ड्रॉप खोलने के 28 दिनों बाद इसका यूज नहीं करना चाहिए। दरअसल हमारी आंखें काफी नाजुक होती है और आई ड्रॉप की बोतल भी सेंसेटिव होती है। अगर आई ड्रॉप खोलने के एक महीने बाद इसका इस्तेमाल किया तो इससे इंफेक्शन होने का खतरा रहता है। दरअसल, आई ड्रॉप के कंटेंट को सेफ रखने के लिए उसमें प्रिजर्वेटिव्स इस्तेमाल किया जाता है। आई ड्रॉप को बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का यूज किया जाता है। प्रिजर्वेटिव्स के कारण दवाइयों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस धीमा हो जाता है या फिर होता ही नहीं है।
हेल्थ एक्सपर्ट की मानें तो आई ड्रॉप में प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल इसलिए किया जाता है क्योंकि इससे आई ड्रॉप का कंटेंट सुरक्षित रहता है। दरअसल, बैक्टीरिया, वायरस या फंगस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रिजर्वेटिव्स का इस्तेमाल किया जाता है। ज्यादातर दवाइयों में इसका इस्तेमाल किया जाता है। प्रिजर्वेटिव्स के कारण दवाइयों में बैक्टीरिया, वायरस या फंगस का विकास बहुत धीमा हो जाता है या होता ही नहीं है। कोई दवा इन सूक्ष्म जीवाणुओं के कंटामिनेशन से कितने दिनों तक सुरक्षित रह सकती है। यह बोतल की लीफ पर लिखी होती है। ज्यादातर दवाई ज्यादा दिनों तक संक्रमण से मुक्त रहती है लेकिन कुछ आई ड्रॉप में सील खोलने के 28 दिनों के बाद इस्तेमाल नहीं करने की हिदायत दी जाती है। सील खुलने के बाद निश्चित समय अवधि में आई ड्रॉप कंटामिनेट यानी संक्रमित हो जाता है। इस स्थिति में आई ड्रॉप का यूज करने पर इंफेक्शन का डर रहता है, क्योंकि दवा में इस्तेमाल किए गए प्रिजर्वेटिव्स की लाइफ इतनी ही होती है।
ऐसे इस्तेमाल करने पर बढेगा इंफेक्शन का खतरा
डॉक्टर के मुताबिक, अगर आई ड्रॉप की सील खुलने के 28 दिन बाद इसका इस्तेमाल होता है तो इससे कई तरह के इंफेक्शन का खतरा रहता है। सबसे ज्यादा खतरा आंख की पुतली को होता है। कई बार तो काली पुतली सफेद होने लगती है और पुतली पर हमेशा के लिए दाग लग जाता है। इसके अलावा कंजेक्टिवाइटिस इंफेक्शन का भी जोखिम रहता है। स्थिति गंभीर होने पर आंखी की रोशनी तक जा सकती है। डॉक्टर बताते हैं कि कई ऐसे केस आते हैं, जिसमें मरीज की पुतली डैमेज हो गई है।
इंफेक्टेड दवा के लक्षण
- आंखों से ज्यादा पानी आने लगता है
- आंखों में रेडनेस आने लगती है
- आंखों में दर्द होने लगता है
आई ड्रॉप का ऐसे करें इस्तेमाल
आई ड्रॉप का इस्तेमाल करने से पहले हाथों को साफ करना चाहिए. आई ड्रॉप इस्तेमाल करने के बाद भी हाथों को धोना चाहिए। बोतल खोलने के एक महीने बाद उसे किसी सेफ जगह फेंक देनी चाहिए। आई ड्रॉप हमेशा साफ-सुथरी जगह ही रखना चाहिए।