ख़बरिस्तान नेटवर्क : जालंधर का युवक गुरसेवक सिंह भी उन 14 भारतीयों में शामिल है, जिन्हें स्टूडेंट वीजा पर भेजकर धोखे से रूस आर्मी में भर्ती कराया गया। रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग को अब 3 साल से ज्यादा हो चुके हैं।
गुरसेवक सिंह सहित 14 भारतीयों को 28 जुलाई को दिल्ली से स्टूडेंट वीजा पर रूस भेजा गया था, लेकिन वहां बिना कोई ट्रेनिंग दिए उन्हें आर्मी में भर्ती कर लिया गया। अब तक 8 भारतीय युवकों को युद्ध के लिए फ्रंटलाइन पर भेजा जा चुका है जबकि बाकी 6 को जल्द ही भेजने की तैयारी की जा रही है।
गुरसेवक सिंह ने किया चौंकाने वाला खुलासा
गुरसेवक सिंह ने एक न्यूज चैनल को वीडियो कॉल के जरिए बताया कि कैसे उन्हें स्टूडेंट वीजा दिलवाने के नाम पर रूस भेजा गया और फिर अनास्तिया नाम की महिला के कहने पर आर्मी में भर्ती कर लिया गया। स्टूडेंट वीजा पर आने वाले सभी युवकों को बिना ट्रेनिंग हथियार थमा दिए गए।
युवकों ने बताया कि उनके पासपोर्ट, वीजा कॉपी, लोकेशन और बैच नंबर की पूरी जानकारी भी साझा की गई है। फोटो भी शेयर की गई है, जिसमें भर्ती करने वाली महिला का चेहरा दिखाई दे रहा है। गुरसेवक सिंह और अन्य युवकों ने भाजपा की केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि उन्हें जल्द भारत वापस बुलाया जाए।
विदेश मंत्रालय और एंबेसी से नहीं मिली मदद
जालंधर के गुरसेवक सिंह के भाई जगदीप कुमार ने बताया कि विदेश मंत्रालय और भारतीय एंबेसी को पूरी जानकारी दी जा चुकी है, लेकिन अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गई।युवकों की हालत बेहद खराब बताई जा रही है। हर दिन उनका फ्रंटलाइन पर भेजा जाना खतरे को और बढ़ा रहा है। केंद्र सरकार से इन युवकों को जल्द सुरक्षित वापस भारत लाने की मांग जोर पकड़ती जा रही है।