A new war technology, 3 countries of the world including India deployed laser weapons, new direction of war : विश्वभर में तकनीकी विकास के साथ-साथ युद्ध के रूप और हथियारों में भी बदलाव आ रहा है। वहीं हाल के वर्षों में लेजर हथियारों के इस्तेमाल की दिशा में भी तेजी से विकास हुआ है। लेजर हथियारों का मुख्य उद्देश्य दुश्मन के उपकरणों, मिसाइलों, ड्रोन या अन्य खतरे का सटीक और तेजी से नाश करना है। ये हथियार उच्च-ऊर्जा वाले लेजर बेज्ड सिस्टम होते हैं, जो लक्ष्यों पर एक शक्तिशाली और सटीक प्रकाश उत्सर्जित करते हैं। जहां अमेरिका, चीन और इजरायल जैसे देशों ने अब अपने युद्धक हथियारों में लेजर सिस्टम को तैनात करना शुरू कर दिया है। वहीं, भारत भी इस क्षेत्र में पीछे नहीं है और अपने नए "दुर्गा-2" लेजर हथियार का विकास कर रहा है। बहुत जल्द भारत के द्वारा इस हथियार की टेस्टिंग की जाएगी।
1. भारत : दुर्गा-2 लेजर हथियार
भारत भी इस तकनीकी क्षेत्र में पीछे नहीं है और अपनी सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए लेजर हथियारों के विकास में जुटा हुआ है। भारतीय रक्षा शोध एवं विकास संगठन (DRDO) ने "दुर्गा-2" नामक एक लेजर हथियार प्रणाली का विकास शुरू किया है। यह प्रणाली खासकर मिसाइलों और ड्रोन को नष्ट करने के लिए डिजाइन की जा रही है। "दुर्गा-2" भारतीय रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो भारत को दुश्मन के सटीक हवाई हमलों से बचाने में मदद करेगा।
2. चीन : सशस्त्र युद्ध के नए आयाम
चीन भी लेजर हथियारों के विकास में पीछे नहीं है। चीन ने कई प्रकार के लेजर हथियारों का परीक्षण किया है, जिसमें विभिन्न दूरियों से दुश्मन के ड्रोन या मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता शामिल है। चीनी वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि वे एक हाई-एनर्जी लेजर सिस्टम तैयार कर रहे हैं, जो दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को नष्ट कर सकता है। चीनी सेना का ध्यान अब केवल पारंपरिक हथियारों से हटकर, अत्याधुनिक तकनीकी हथियारों की ओर जा रहा है।
3. इजरायल : रक्षा प्रणाली में क्रांति
इजरायल ने भी लेजर हथियारों के क्षेत्र में कदम रखा है। इजरायल की Iron Beam लेजर प्रणाली ने बड़ी सफलता हासिल की है, जो हवा में मिसाइलों, ड्रोन और रॉकेटों को नष्ट करने में सक्षम है। यह प्रणाली इजरायल की प्रतिष्ठित Iron Dome प्रणाली के साथ मिलकर काम करती है, जो उसे और भी अधिक शक्तिशाली बनाती है। इजरायल के रक्षा मंत्रालय ने इस प्रणाली को पहले ही तैनात करने की योजना बनाई है, ताकि वह विभिन्न प्रकार के खतरों से निपटने में सक्षम हो सके।
4. अमेरिका : ऊर्जा से संचालित युद्ध
अमेरिका ने लेजर हथियारों के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई है। अमेरिकी सेना और नौसेना दोनों ही उच्च-ऊर्जा वाले लेजर सिस्टम के परीक्षण और तैनाती कर चुके हैं। अमेरिका ने "आधुनिक लेजर सिस्टम" के तहत युद्धपोतों पर लेजर हथियार तैनात किए हैं, जिनका उद्देश्य दुश्मन के ड्रोन, मिसाइलों और अन्य छोटे विमानों को नष्ट करना है। इन हथियारों से हमले का परिणाम बहुत तेजी से दिखता है, जो पारंपरिक हथियारों से कहीं अधिक प्रभावी होता है।