खबरिस्तान नेटवर्क। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अलीगंज क्षेत्र के एक निजी स्कूल में नौवीं कक्षा के एक छात्र की क्लास में पढ़ते समय दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। युवाओं में बढ़ते हार्ट अटैक के मामलों से पहले से ही लोगों के मन में बेचैनी थी, लेकिन इस खबर को सुनकर हर कोई हैरान है। यह घटना अलीगंज स्थित सिटी मोंटेसरी स्कूल में हुई। यहां नौवीं कक्षा में पढ़ने वाला 15 साल का आतिफ सिद्दीकी केमिस्ट्री की कक्षा में अध्ययन कर रहा था, तभी वह अचानक बेहोश हो गया। उसे एक निजी अस्पताल ले जाया गया। वहां से उसे किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के लारी कार्डियोलॉजी में भेज दिया गया, जहां उसकी मृत्यु हो गई।
स्कूल के शिक्षक नदीम खान ने बताया, 'मैं केमिस्ट्री (रसायन विज्ञान) की क्लास ले रहा था, तभी आतिफ अचानक अपनी सीट से गिर गया। हमने उसे टेबल पर लिटा दिया और स्कूल डिस्पेंसरी से नर्स को बुलाया। उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई.' पुलिस ने मौत के सही कारण का पता लगाने के लिए शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। खबरों के अनुसार बच्चे की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है, लेकिन अभी तक पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने का इंतजार है।
युवाओं के बाद अब छोटे बच्चों को आ रहा हार्ट अटैक
बच्चों की मौत स्वास्थ्य को लेकर चिंता बढ़ा रही है। युवाओं के बाद अब ये बीमारी छोटे बच्चों को अपने घेरे में लेने लगी है। इसके पीछे एक नहीं कई वजह जिम्मेदार है और जरूरी है कि समय रहते बच्चों को इससे कैसे बचाया जाए। ऐसे में यह समझने की बात है कि आखिर अब बच्चों में ये जानलेवा बीमारी कैसे आ रही है। तो चलिए सबसे पहले कार्डिएक अरेस्ट के बारे में समझें और ये जानें कि बच्चों की किन आदतों के कारण ये बीमारी अब उन तक पहुंच रही है।
क्या है कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक
कार्डिए अरेस्ट और हार्ट अटैक में बहुत अंतर है। हार्ट अटैक में हार्ट तक खून नहीं पहुंचता इसलिए अटैक आता है लेकिन कार्डिएक अरेस्ट में अचानक से हार्ट ही काम करना बंद कर देता है। कार्डिएक अरेस्ट का लक्षण पहले से नजर नहीं आता है। कार्डिएक अरेस्ट अचानक आता है और तब मरीज के पीठ और कंधों को थपथपाने के बाद भी कोई रिएक्शन नहीं मिलता है। मरीज की दिल की धड़कने अचानक से बहुत तेज हो जाती हैं और वो नॉर्मल तरीके से सांस नहीं ले पाता है। पल्स और ब्लड प्रेशर थम जाती है। ऐसे में दिमाग और शरीर के बाकी हिस्सों में ब्लड नहीं पहुंच पाता है।
क्यों बढ़ रही बच्चों में ये बीमारी
सबसे बड़ा इस बीमारी का कारण मोटापा है। बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी का घटना और फास्ट और जंक फूड का खाना है। इतना ही नहीं, लंबे समय तक मोबाइल, लैपटॉप या टीवी पर जमे रहने से उनकी ये समस्या और ट्रिगर हो रही है। साथ ही रेपेरेटरी डिजीज, इंफेक्शन, कोरोना संक्रमण या सेप्सीस जैसी बीमारी भी इसकी बड़ी वजह बन रही है।
कार्डिएक अरेस्ट से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
- बच्चे के वजन पर ध्यान दें और उसे कम से कम रोज 1 घंटे फिजिकल एक्टिविटी जरूर कराएं।
- कार्डियो एक्सरसाज जैसे साइकिलिंग, जॉगिंग या क्रिकेट, बैडमिंटन और फुटबॉल जैसे गेम खिलाएं।
- वीक में किसी एक दिन उसे जंक फूड दें वो भी ढेर सारे रफेज के साथ।
- खानपान में सलाद, हाई फाइबर सब्जियां, प्रोटीन और दालों को शामिल करें।
- चिप्स, चॉकलेट या बाहर के खाने से रोंके।
- बच्चे को न तो भर पेट खाना खिलाएं न ही लंबे समय तक भूखा रहने दें।
- फ्रूट्स और अंकुरित अनाज खिलाना शुरू करें।
- रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी उठने पर ध्यान दें।
- मोबाइल और टीवी 1 घंटे से ज्यादा न देखने दें।
- बच्चे को स्ट्रेस और अकेलेपन से बचांए।
इस बारे में डॉक्टर की सलाह जरुर लें।