पंजाब पुलिस ने निकारगुआ व फ्रांस ह्यूमन ट्रैफिकिंग केस मामले में SIT टीम का गठन किया है। इंवेस्टिगेशन डायरेक्टर एल.के. यादव ने 4 सदस्यीय SIT टीम को जांच के आदेश दिए हैं। रणधीर कुमार इस जांच आदेश को लीड करेंगे।
जानिए क्या है पूरा मामला
ह्यूमन ट्रैफिकिंग के शक में दुबई से आ रही फ्लाइट को फ्रांस में रोका गया था। इस फ्लाइट में 303 भारतीय शामिल थे। जिन पर आरोप था कि वह निकारगुआ के रास्ते से अवैध रूप से अमेरिका और कनाडा में जाना घुसना चाहते थे।
पंजाब के ट्रैवल एजेंट ने किए चौंकाने वाले खुलासे
वहीं इस मामले पर पंजाब के ट्रैवल एजेंट ने खुलासा करते हुए कहा कि लगभग 600 भारतीय दुबई में इसी तरह की उड़ानों का इंतजार कर रहे हैं। यह मामल सामने आने के बाद ट्रैवल एजेंटों ने इन व्यक्तियों को अपने वतन लौटने की सलाह दी।
2023 की यह तीसरी फ्लाइट थी
एजेंट ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए खुलासा किया कि जिस फ्लाइट को ग्राउंड किया गया, वह अकेले 2023 में निकारागुआ के लिए तीसरी ऐसी फ्लाइट थी। निकारगुआ और अल साल्वाडोर के रास्ते से पनामा के जंगलों से होते हुए यह लोग अमेरिका में दाखिल होना चाहते थे।
फ्यूल भरवाने रुकी थी फ्लाइट
एजेंट ने आगे बताया कि फ्लाइट फ्रांस के एयरपोर्ट पर केवल फ्यूल भरवाने के लिए रुकी थी। पर यहां किसी ने यह जानकारी लीक कर दी कि फ्लाइट में जो लोग बैठे हैं, वह डंकी की जरिए जा रहे हैं। इस मामले की फिर बाद में जांच करवाई गई।
11 लोगों ने फ्रांस में मांगी शरण
फ्लाइट में बैठे 11 लोगों ने फ्रांस में शरण मांगी थी। वहीं 2 पैसेंजर्स के पासपोर्ट फर्जी पाए गए हैं। फ्लाइट में बैठे पैसेंजर्स में 12 नाबालिग समेत 300 लोग थे। शरण मांगने वाले और फर्जी पासपोर्ट वाले लोगों को छोड़कर बाकी सभी भारत लौट आए हैं।
पहले भी दो फ्लाइट्स हो चुकी हैं लैंड
एजेंट ने आगे बताया कि इसी तरह दो फ्लाइट्स लैंड हुई थीं। ऐसा लगता है कि कुछ एजेंटों ने अधिक पैसे कमाने के लिए इस रास्ते का इस्तेमाल करने के लिए अधिक युवाओं को आकर्षित करने के तौर-तरीकों के बारे में जानकारी लीक कर दी है।
डंकी फ्लाइट के लिए लगते हैं 40 से 45 लाख रुपए
एजेंट ने आगे बताया कि ऐसी डंकी फ्लाइट्स के लिए 40 से 45 लाख रुपये (लगभग 48 हजार डॉलर) तक का रेटहोता है। जिसमें कुछ पैसे भी शामिल हैं। अग्रिम भुगतान किया गया और अमेरिकी सीमा पर पहुंचने पर एक बड़ी राशि का भुगतान किया गया।
एजेंट ने आगे कहा कि जानकारी यह थी कि पहले अवैध अप्रवासियों को भारत से अल साल्वाडोर के लिए सीधी उड़ानों में रखा जाता था, हालांकि यह तब बदल गया जब मध्य अमेरिकी देश में अधिकारियों ने इन अप्रवासियों पर 1,000 डॉलर फीस लगानी शुरू कर दी थी।