हम सभी ये जानते हैं कि दूध हमारे शरीर के विकास के लिए बहुत जरूरी है। दरअसल, दूध में विटामिन्स, मिनरल्स समेत तमाम पोषक तत्व पाए जाते हैं। इस कारण इसे कंपलीट फूड भी कहा जाता है। दूध कैल्शियम का रिच सोर्स होने के नाते हड्डियों को भी मजबूती देता है। लेकिन दूध के साथ लोगों का रिश्ता थोड़ा लव हेट वाला रहा है। कई लोगों को दूध पीना बेहद पसंद है तो कुछ लोगों को बिल्कुल भी नहीं। बता दें कि ज्यादातर लोग आजकल वीगन डाइट को फॉलो कर रहे हैं। इसलिए वह प्लांट बेस्ड मिल्क को डाइट में शामिल कर रहे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि गाय के दूध और इन प्लांट बेस्ड मिल्क आखिर क्या अंतर होता है?
पश्चिमी देशों में बढ़ा चलन
भारत से अलग पिछले कुछ वर्षों में पश्चिमी देशों में वीगन मिल्क ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। लोग अब वीगन मिल्क को पारंपरिक डेरी प्रॉडक्ट्स के तौर पर देखने लगे हैं। वीगन मिल्क दरअसल प्लांट आधारित जूस होता है जिसकी बनावट और स्वाद के साथ कुछ गुण भी पारंपरिक डेयरी मिल्क जैसे ही नजर आते हैं। कई लोग इसे दूध से तैयार होने वाले प्रॉडक्ट्स में प्रयोग करने लगे हैं।
कई लोग वीगन मिल्क के पीछे तर्क देते हैं कि डेयरी मिल्क को तैयार में जानवरों को कई दर्द भरी प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है। साथ ही वीगन मिल्क ऐसे लोगों के लिए वरदान हो सकता है जिन्हें डेरी प्रॉडक्ट्स से एलर्जी है। कई लोगों का मानना है कि वीगन मिल्क, डेयरी प्रॉडक्ट्स की तुलना में कहीं ज्यादा बेहतर और स्वास्थ्यवर्धक विकल्प है।
गाय और प्लांट बेस्ड दूध में अंतर
दूध निर्माता एक कंपनी के अनुसार गाय से मिलने वाले दूध में 90 फीसदी पानी होता है। इसमें कैल्शियम, विटामिन डी समेत प्रोटीन भी पाया जाता है. इसमें 90 फीसदी पानी होती है, जो बॉडी को हाइड्रेट रखता है। इस लो फैट होता है, जिसकी वजह से इसे पचाना बेहद आसान होता है.
प्लांट बेस्ड मिल्क को वीगन मिल्क भी कहा जाता है। ये पशुओं से मिलने वाले दूध से अलग होती है। इसे पौधों से मिलने वाले फूड आइटम्स से बनाया जाता है। इसमें भी कम मात्रा में फैट पाया जाता है। चुंकि आजकल गाय के दूध में भी मिलावट करके इसकी शुद्धता से समझौता किया जा रहा है। इस मिलावट का असर हमारी हेल्थ पर भी देखने को मिल रहा है।
लैक्टोज इंटोलरेंस की समस्या है तो वीगन मिल्क पीएं
जिन लोगों को लैक्टोज इंटोलरेंस की समस्या है, उनके लिए वीगन मिल्क बेहतर विकल्प हो सकता है। सोया या बादाम मिल्क लैक्टोज फ्री होते हैं। इससे संक्रमण का खतरा कम होता है। हालांकि, आप गाय का दूध पीते हो या वीगन मिल्क, ये आपकी डायटरी च्वाइस पर भी निर्भर करता है।
पोषक तत्वों के आधार पर वीगन और गाय के दूध में काफी अंतर होता है। इसलिए इनमें से कौन सा दूध बेहतर है, यह बताना काफी मुश्किल है। गाय के दूध में वीगन मिल्क से ज्यादा पोषक तत्व होते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं कि प्लांट बेस्ड मिल्क हमेशा ही सेहत के लिए फायदेमंद हों। बहरहाल, दूध से दिक्कत हो तो वीगन मिल्क फायदेमंद है।
बाजार में कुछ खास तरह के वीगन मिल्क मौजूद -
सोया मिल्क
सोया मिल्क सबसे पहला और सबसे लोकप्रिय वीगन मिल्क है। बाजार में वीगन मिल्क के तौर पर सबसे पहले सोया मिल्क ही आया। इसे सोयाबीन के प्लांट से तैयार किया जाता है। यह काफी गाढ़ा होता है और इसे प्रोटीन, पोटेशिसम और आइसोफ्लेवोन्स का अच्छा विकल्प माना जाता है।
बादाम का दूध
जो एक और वीगन मिल्क इस समय बाजार में उपलब्ध है उसमें बादाम मिल्क का नाम भी आगे है। सोया मिल्क की तुलना में बादाम मिल्क काफी पतला होता है और इसे पचाना आसान होता है। बादाम मिल्क को विटामिन डी और ई के साथ-साथ कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है।
नारियल का दूध
कोकोनट मिल्क को खाना पकाने और बेकिंग के लिए बेस्ट विकल्प माना जाता है। कई शेफ ऐसा मानते हैं कि कोकोनट मिल्क खाने को एक बेहतरीन खुशबू देता है। कोकोनट मिल्क में फैट काफी मात्रा में होता है और इसमें प्रोटीन बहुत कम होता है। लेकिन कोकोनट मिल्क को विटामिन डी, बी2, बी12 और कैल्शियम का अच्छा स्त्रोत माना जाता है।
चावल का दूध
राइस मिल्क को उन लोगों के लिए काफी अच्छा माना जाता है जिन्हें गाय या भैंस के दूध से एलर्जी होती है। इस दूध में कार्बोहाइड्रेट्स की मात्रा बहुत ज्यादा होती है. जबकि फैट, प्रोटीन और दूसरे पोषक तत्व बहुत कम होते हैं. इसलिए इसे अच्छा विकल्प नहीं माना जाता है। राइस मिल्क को चाय और कॉफी में प्रयोग के लिए बेहतर करार दिया जाता है। साथ ही ओट्स, सूप और सॉस के लिए भी इसे प्रयोग किया जा सकता है। इस दूध में हालांकि चावल का स्वाद बरकरार रहता है।