दुनिया भर में योग दिवस आज मनाया जा रहा है। इस दौरान जालंधर के पीएपी कैंपस में एडीजीपी एमएफ फारूकी की अगुवाई में योग दिवस मनाया गया। योग केवल शारीरिक ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए भी काफी फायदेमंद है। यही कारण है कि दुनियाभर में योग को बढ़ावा देने के लिए योग दिवस मनाया जाता है। वहीं मीडिया से बात करते हुए एडीजीपी ने कहा कि कहा भारत ने योग से जीवन गुजारने का एक बेहतरीन संदेश दिया है, कि कैसे शरीर और मन को स्वस्थ रखा जा सकते है।
इसके साथ ही उन्होंने बताया कि इससे बेहतरीन संदेश और कोई नहीं हो सकता। ऋषि महापुरुषों ने योग में अपना सहयोग दिया है। इस दिवस पर एडीजीपी ने सभी को बधाई दी। वहीं उन्होंने कहा कि आज के दिन योग का इस्तेमाल इंसान को अपने जीवन में विकार को दूर करने के लिए भी करना चाहिए।
एडीजीपी ने नशे से दूर रहने का संदेश दिया
भगवान ने हमें काफी सुंदर जीवन दिया है और आसपास खुशियां दी है। उन्होंने कहा कि दरअसल, योग सिर्फ कई तरह के आसन का नाम नहीं है। इसका अर्थ होता है जुड़ना। माने, मन को वश में करना और वृत्तियों से मुक्त होना ही योग है! जी हां, योग मन, मस्तिष्क और शरीर को तंदुरुस्त रखने का एक सशक्त माध्यम है। इसलिए योग दिवस जागरुक करने के मकसद से मनाया जाता है। एडीजीपी ने कहा कि पीएपी में ऐसे ही यह योग दिवस का आयोजन होता रहेगा। वहीं उन्होंने युवा पीढ़ी को योग के जरिए नशे से दूर रहने का संदेश दिया है।
योग दिवस का इतिहास
पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला।
2015 में पहली बार मनाया गया था योग दिवस
पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। वहीं भारत में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के राजपथ पर हुआ, जिसमें 35000 से अधिक लोग शामिल हुए।
योग दिवस 2024 की थीम
बता दें कि हर साल विश्व योग दिवस की एक खास थीम होती है. इस साल योग दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2024 की थीम 'महिला सशक्तिकरण के लिए योग' है।