Yashasvi Jaiswal created history with a brilliant century and Became the first batsman in Asia to do so : ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट मैच में ही भारत के युवा ओपनर यशस्वी जायसवाल ने शानदार प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया है। अपनी पहली पारी में खाता भी नहीं खोलने वाले यशस्वी ने महज 24 घंटे के भीतर जबरदस्त वापसी की और टेस्ट क्रिकेट में अपना चौथा शतक जमाया। बता दें कि भारत के युवा ओपनर यशस्वी 161 रनों की पारी के साथ अपने पहले ही टेस्ट में शतक लगाने वाले तीसरे भारतीय बल्लेबाज बन गए। वह सुनील गावस्कर सहित उन भारतीय बल्लेबाजों की सूची में शामिल हो गए हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट में शतक बनाया था। यशस्वी अब अपने करियर के शुरुआती चार शतकों में 150 से ज्यादा का स्कोर बनाने वाले एशिया के पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इस पारी से पहले यशस्वी ने टेस्ट में जो शतक लगाए थे उनमें उनका स्कोर 171, 209 और 214 था। इस साल की शुरुआत में उन्होंने बेन स्टोक्स की कप्तानी वाली इंग्लैंड के खिलाफ लगातार दो टेस्ट मैचों में दोहरा शतक लगाया था।
छक्का लगाकर शानदार शतक पूरा
इससे पहले जायसवाल ने जोश हेजलवुड की गेंद पर छक्का लगाकर शानदार अंदाज में अपना शतक पूरा किया। पारी के 62वें ओवर में उन्होंने अपर कट खेला और अपने रनों की संख्या तीसरे अंक में पहुंचा दी। बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने मिशेल स्टार्क की गेंद पर सिंगल लेकर मैच में अपने रनों की संख्या 150 पहुंचा दी। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने अब नौ महीने बाद रेड-बॉल क्रिकेट में 100 रन का आंकड़ा पार कर लिया है। दूसरे सीजन में मिचेल मार्श की गेंद पर यशस्वी ने अपना विकेट गंवा दिया। उन्होंने 297 गेंदों में 15 चौकों और तीन छक्कों की मदद से 161 रन बनाए। वह इस मैदान पर बतौर ओपनर डेविड वॉर्नर के हाई स्कोर के रिकॉर्ड को तोड़ने से महज चार रन से चूक गए। वॉर्नर ने पिछले साल पर्थ में पाकिस्तान के खिलाफ 164 रन बनाए थे।
जीरो से हीरो बने यशस्वी जायसवाल
पर्थ की मुश्किल पिच पर शतक बनाकर यशस्वी ने अपनी काबिलियत साबित की। उनके इस शतक और केएल राहुल के साथ मिलकर की गई रिकॉर्ड साझेदारी ने भारत को बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले मैच में मजबूत स्थिति में ला खड़ा किया। पर्थ में खेले जा रहे बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले टेस्ट के दूसरे दिन ऑस्ट्रेलिया को सिर्फ 104 रन पर समेटने के बाद टीम इंडिया को बैटिंग करने का मौका मिला। इस दौरान टीम को एक अच्छी शुरुआत चाहिए थी और यशस्वी ने केएल राहुल के साथ मिलकर ये काम बखूबी किया। उन्होंने अपनी पहली पारी की गलती से सीखते हुए आक्रामक खेल को थोड़ा काबू में रखा और क्रीज पर टिके रहे, जिसका फायदा उन्हें मिला। यशस्वी ने पर्थ में शानदार शतक बनाते हुए 205 गेंदों में यह उपलब्धि हासिल की।
यशस्वी जयसवाल के 1500 रन पूरे
मोटगनहल्ली जयसिम्हा 1967-68 के दौरे के दौरान ब्रिसबेन में 101 रन की पारी के साथ ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज थे। यह जयसवाल का चौथा टेस्ट शतक है। इस शतक के साथ उन्होंने इतिहास रचा, क्योंकि वह एमएल जयसिम्हा और सुनील गावस्कर के बाद तीसरे भारतीय बन गए हैं जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया में अपने पहले टेस्ट मैच में शतक लगाया। यह उनका ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला और विदेशी धरती पर दूसरा शतक था। इससे पहले उन्होंने वेस्टइंडीज में भी शतक बनाया था, जो उनका पहला टेस्ट शतक था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहला टेस्ट खेलते हुए यशस्वी ने यह साबित किया कि वह सिर्फ आक्रामक बल्लेबाजी से ही नहीं, बल्कि धैर्य और क्रीज पर टिककर भी बल्लेबाजों को कड़ी चुनौती दे सकते हैं। पर्थ में शतक बनाकर उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अपने 1500 रन भी पूरे किए।