White seeds are a wonderful thing for health, all the properties of nectar are present : यकीन मानिए तिल सेहत के लिए कमाल की चीज है। इसे आप अमृत कलश कहे तो कोई हर्ज नहीं क्योंकि एक तरह से यह अमृत रस ही है। तिल के लड्डू तो आपने खाए ही होंगे लेकिन क्या इसे आपने रेगुलर यूज किया है। तिल का सेवन करने से एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों फायदे हैं। यह हार्ट डिजीज, डायबिटीज, अर्थराइटिस से आपको बचा सकता है। तिल आपके पेट को साफ कर सकता है। इससे आप कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं। बीपी को कंट्रोल कर सकते हैं और शुगर लेवल भी कम कर सकते हैं। यह महागुनी है। जानते हैं फायदे के बारे में…
वजन कम करता है
सिर्फ 30 ग्राम तिल में 3.5 ग्राम फाइबर होता है। इस तरह आप अपने वजन को कम कर सकते हैं। वहीं ज्यादा फाइबर पेट को साफ रखेगा। इससे पेट संबंधी बीमारियों का खात्मा हो सकता है। अगर आपका पेट साफ है तो आपसे कई बीमारियां दूर रहेंगी।
कोलेस्ट्रॉल का काल
तिल का सेवन करने से गंदे कोलेस्ट्रॉल का खात्मा हो सकता है। हाई कोलेस्ट्रॉल और ट्राईग्लिसेराइड्स कम कर देता है। तिल में 15 प्रतिशत सैचुरेटेड फैट, 41 प्रतिशत पोलीसैचुरेटेड फैट और 39 प्रतिशत मोनोसैचुरेटेड फैट होता है। साबित हो चुका है कि पोलीसैचुरेटेड और मोनोसैचुरेटेड फैट कोलेस्ट्रॉल कम करता है।
प्रोटीन का खजाना
तीन चम्मच तिल में 5 ग्राम प्रोटीन होता है। तिल प्रोटीन के एब्जॉब्सन में भी मदद करता है। इसमें कई तरह के प्लांट कंपाउड होते हैं जो ऑक्जीलेट और फाइटेज की प्रक्रिया को कम करते हैं। ये दोनों तत्व डाइजेशन को बिगाड़ देता है। वहीं ऑक्सीलेट किडनी में स्टोन के जोखिम को भी बढ़ा देता है।
बीपी कम करता
तिल हार्ट डिजीज के जोखिम को कम करता है। तिल में हाई मैग्नीशियम होता है जिसके कारण यह बीपी को कंट्रोल रखता है। इससे समझ सकते हैं कि तिल से कितना कुछ फायदा हो सकता है। जब आप सुबह में तिल खा लेंगे तो आपको दिन भर भूख नहीं लगेगी।
हड्डियां मजबूत बनाता
तिल में कैल्शियम, मैग्नीशियम, मैग्नीज, जिंक का खजाना रहता है। ये सारे तत्व हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी है। तिल का सेवन करने से हड्डियां मजबूत रहती है। स्टडी के मुताबिक तिल का सेवन करने से जोड़ों के बीच इंफ्लामेशन कम होता है और इससे अर्थराइटिस का दर्द भी कम होता है।
इंफ्लामेशन कम करता
तिल में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है. यानी इसमें ऐसा गुण होता है कि यह कोशिकाओं के अंदर सूजन को नहीं होने देता है। जितनी भी क्रोनिक बीमारियां जैसे कि डायबिटीज, मोटापा, बीपी आदि होती है। उनमें इंफ्लामेशन मुख्य वजह होती है. इसलिए तिल का सेवन कोशिकाओं के अंदर से इंफ्लामेशन को हटाता है।
विटामिन बी का खजाना
कोशिकाओं को सुचारू रूप से अपना काम करने के लिए, मेटाबोलिज्म के लिए और नसों के फंक्शन सहित कई कामों के लिए विटामिन बी की जरूरत होती है। तिल विटामिन की कमी को पूरा कर सकता है।
खून बनाता है
रेड ब्लड सेल्स को बनाने के लिए कई चीजों की जरूरत होती है। तिल में इनमें से कई चीज मौजूद होती है। यानी तिल आपके खून काे बढ़ाने में मदद करता है। तिल में कई तरह के विटामिन, भरपूर मात्रा में प्रोटीन और तरह-तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं। ये सब मिलकर इम्यूनिटी को बू्स्ट करते हैं।
शुगर कंट्रोल
तिल में कई तरह के हेल्दी फैट और हाई प्रोटीन होता है। वहीं इसमें फाइबर तो होता ही है। इन सबके अलावा इसमें पिनोरेसिनोल कंपाउड होता है जो ब्लड शुगर को रेगुलेट करता है इसलिए डायबिटीज के मरीजों को तिल का सेवन करना चाहिए।
एंटीऑक्सीडेंट्स
तिल में तरह-तरह के एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो खून में कई बीमारियों के लिए जिम्मेदार बाहरी जीवों को मार डालते हैं। इससे कोशिकाओं में फ्री रेडिकल्स की कमी होती है जिससे ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस कम होता है। इससे कई बीमारियों का जोखिम कम होता है।