भारतीय पहनावा साड़ी, जिसे न सिर्फ देश में पसंद किया जाता है बल्कि विदेशों में भी इसकी एक अलग पहचान है। बहर्तीय महिलाओं में बहुत सी महिलाएं किसी फंक्शन विशेष में साड़ी पहनना पसंद करती हैं। बहुत सी महिलएं तो हर समय ही साड़ी ही पहनती हैं। लेकिन आपको बता दें साड़ी को जब कमर पर कास कर बांधा जाता है तो उससे स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा (एससीसी) यानि साड़ी कैंसर होने का खतरा रहता है। ये एक प्रकार का त्वचा कैंसर है जो पुरानी जलन या घर्षण के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों में विकसित हो सकता है। हालांकि केवल साड़ियों के लिए नहीं कसकर पहनी जाने वाली साड़ियां, पेटीकोट और धोती कमर पर एससीसी के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा आम तौर पर लाल, पपड़ीदार पैच, घाव होता है जो ठीक नहीं होता है। यह शरीर के किसी भी हिस्से पर विकसित हो सकता है। लेकिन यह आमतौर पर सूर्य के संपर्क में आने वाले क्षेत्रों, जैसे चेहरे, गर्दन, कान, हाथ और बांहों पर पाया जाता है।
स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा ज्यादातर सूरज से निकलने वाली पराबैंगनी किरणों के संपर्क में रहने के कारण होता है जिसमे सनबर्न, कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, कुछ रसायनों या विकिरण के संपर्क में आना और कैंसर से पहले त्वचा के घावों का इतिहास शामिल है।
इसके लक्षण क्या हैं
- लाल, खुजलीदार धब्बे होना
- अल्सर का बनना
- कमर के पास उभरी हुई गांठें दिखाई देना
इससे बचने के क्या तरीके हैं
- ढीली-ढाली साड़ी और पेटीकोट ही पहने, ज्यादा कसकर न बांधे
- कमर के अस्स्प अस साफ सफाई रखना
- अतिरिक्त आराम और कम घर्षण के लिए पेटीकोट के नीचे शेपवियर का इस्तेमाल करें
- पेटीकोट के लिए हमेशा पतली, रस्सी जैसी डोरी के बजाय चौड़ी, बेल्ट जैसी डोरी का चुनाव करें
- किसी भी बदलाव के लिए नियमित रूप से अपनी कमर की जांच करें
- सूर्य के संपर्क में आने से बचें, खासतौर पर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच।
- जब बाहर जाये तो चौड़ी किनारी वाली टोपी, लंबी बाजू वाली शर्ट और धूप का चश्मा जरुर यूज़ करें
- 30 या अधिक एसपीएफ वाले ब्रॉड-स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन को लगाकर ही बाहर जाएँ