हमारे शरीर के सबसे खास और नाजुक अंगों में से एक आंखें होती हैं जिसका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। दरअसल आंखों में छोटी सी छोटी प्रॉब्लम लाइफ टाइम की तकलीफ बन सकती है। वहीं आंखों के बिना एक अच्छे जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। लेकिन आजकल की खराब लाइफस्टाइल, ज्यादा से ज्यादा स्क्रीन पर समय बिताना, अनहेल्दी डाइट फॉलो करने की वजह से आज अधिकतर लोग आंखों से जुड़ी बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। ऐसे में लोगों को समय-समय पर आंखों का चेकअप करवाते रहना चाहिए ताकि समय रहते आंखों की प्रॉब्लम का पता लगा के उसका इलाज किया जा सके।
वहीं अब भारत में आंख में कांचियाबिंद, ट्यूमर, चोट का पता लगाना लोगो के लिए काफी आसन हो गया है। जी हां इसके लिए मध्यप्रदेश के जबलपुर के जन ज्योति सुपर स्पेशियलिटी आई हास्पिटल में मध्य भारत की पहली नान इनवेसिव बायोमेडिक्स ओफ्थल्मिक अल्ट्रासाउंड (यूबीएम) मशीन की स्थापना की गई है। बता दें कि इस यूबीएम तकनीक से अलग-अलग तरह के मोतियाबिंद, आंख के अंदर चोट का असर, आंख के अंदर ट्यूमर, जन्मजात कांचियाबिंद (Glaucoma) आदि बीमारियों के बारे में पूरी जानकारी कंप्यूटर के पोर्टल पर दर्ज हो जाती है।
क्या है यूबीएम तकनीक
यूबीएम एक नान इनवेसिव डायग्नोस्टिक तकनीक है, जिसमें मरीज को सीधा लेटाकर आंख में मेथड से एक विशिष्ट डिजाइन कप का उपयोग किया जाता है और कुछ ही मिनट में मरीज के आंख के अंदर की रचनाओं की पूरी जानकारी प्राप्त हो जाती है।
अन्य बीमारियों में भी ये मशीन कारगर
राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी और सूचना केंद्र के मुताबिक यूबीएम एक हाई तकनीक समाधान वाली अल्ट्रासाउंड मशीन है। इससे आंख के अंदर की अत्यंत सूक्ष्मतम संरचना जिसे खुली आंख या अन्य किसी उपकरण से अच्छे से देखा नहीं जा सकता है लेकिन इस मशीन के 50 से 100 मेगा हर्ट्ज़ ट्रांसड्यूसर के माध्यम से हाई फ्रीक्केंसी से वास्तविक गतिशील छवि प्राप्त की जा सकती है।
ऐसे में मध्य भारत में पहली बार जबलपुर में इस मशीन की स्थापना से न केवल आंखों की गंभीर बीमारियों के इलाज में हेल्पफूल है बल्कि अन्य बीमारियों के प्रबंधन में भी यह तकनीक काफी कारगर साबित होगी।