This information will prove helpful in buying a second hand car : आजकल मार्केट में सेकेंड कार के नाम पर आपको 2 गाड़ियों की बॉडी जोड़कर बेचा जा रहा है। अगर आप सेकेंड हैंड कार लेने का सोच रहे हैं तो ये जानकारी आपके लिए मददगार साबित होगी। लोग सस्ती कार के चक्कर में सेकेंड हैंड कार खरीद लेते हैं, फिर बाद में पछतावा करते हैं। मार्केट में कार को बिलकुल नए जैसा बनाकर बेचा जाता है लेकिन कार के पेंट के नीचे की असलीयत, कार के अंदर लगे सामान की सच्चाई कोई नहीं बताता है लेकिन आप ये सब चेक कर सकते हैं। इसके लिए बस ये 4 चीजें चेक करना ना भूलें। कार लेने से पहले कार को चेक करना है...
रबड़ को उतारकर चेक करें
इसके लिए सबसे कार के दरवाजे को ओपन करके उसपर लगी रबड़ को हटाएं और उसके नीचे पन्चिंग होल नजर आते हैं तो मतलब इस साइड से कार का एक्सीडेंट हुआ होगा. इसी तरह चारों दरवाजों की रबड़ उतारकर चेक करें।
नटबोल्ट्स का कलर देखें
इसके अलावा कार के बोनट को ओपन करें और बोनट के ठीक नीचे लगे नटबोल्ड्स का कलर अगर बॉडी से मैच नहीं कर रहा है तो इसका मतलब बोनट को रिपेयर किया गया है। इसका मतलब है कि कार कभी न कभी फ्रंट से ठुकी है या एक्सीडेंट हुआ है।
इंजन की ऐसे करें पहचान
इंजन को चेक करने के लिए इंजन डिप्सिटिक की मदद लें। कार को स्टार्ट रखें और डिप्स्टिक को इंजन में डालें। अगर बहुत ज्यादा छींटे बाहर आ रही हैं तो मतलब कार में इंजन को रिपेयर किया गया है।
टेस्ट ड्राइव दौरान रखें ध्यान
सेकेंड हैंड कार से टेस्ट ड्राइव के दौरान कार को टेढ़ा मेढ़ा करके चलाएं। अगर इस दौरान कार से किसी भी तरह की आवाज आती है तो इसका मतलब इस कार को लेने का मतलब घाटे का सौदा है।