ख़बरिस्तान नेटवर्क : भारत की न्याय प्रणाली को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक देश में 10 लाख लोगों पर 15 जज हैं। जबकि कानून आयोग की सिफारिश के मुताबिक जजों की संख्या कम से कम 50 होनी चाहिए। यानि के 35 जजों की कमी है। देश में जजों की संख्या 21,285 है।
एक जज के पास 2200 से ज्यादा केस
2025 इंडिया जस्टिस रिपोर्ट के मुताबिक देशभर के सेशन कोर्ट में हर जज के पास औसतन 2200 केस हैं। वहीं इलाहाबाद और मध्यप्रदेश के हाईकोर्ट के प्रत्येक जज के पास 15000 केस पड़े हुए हैं। देश में हाईकोर्ट में 33 फीसदी जजों के पद खाली हैं। जबकि 21 फिसदी पर नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं।
महिला जजों में इजाफा
देश में महिला जजों की भागीदारी बढ़ी है। साल 2017 में सेशन कोर्ट में 30 फीसदी महिलाएं थी तो वहीं यह बढ़कर 38.3 फीसदी हो गई है। जबकि हाईकोर्ट में यह आंकड़ा 11.4 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी हो गया है। देश के सर्वोच्च न्यायालय में सिर्फ 6 फीसदी ही महिला जज हैं।