Shailesh Lodha became 'child poet', gave a place to the profession of poet in the industry : 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' में मेहता साहब का किरदार निभाने वाले शैलेश लोढ़ा आज अपना 55वां जन्मदिन मना रहे हैं। भले ही वे अब 'तारक मेहता' शो छोड़ चुके हैं, लेकिन आज भी शैलेश लोगों के प्यारे मेहता साहब हैं। शैलेश ने यूं तो अपनी जिंदगी में कई तरह के रंग देखे हैं, लेकिन उन्होंने कई कवियों की जिंदगी में उमंग और तरक्की के रंग भी भरे हैं। शैलेश मुख्य तौर पर एक कवि हैं और उनकी पहचान भी यही है। बचपन से कवि बनने का सपना देखने वाले शैलेश ने अभिनय में भी अपनी कामयाबी के झंडे गाड़े। शैलेश के पास हुनर का खदान है। चलिए इस खास मौके पर बताते हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ खास बातें...
बचपन में ही शैलेश लोढ़ा बने 'बाल कवि'
शैलेश लोढ़ा का जन्म 8 नवंबर 1969 में राजस्थान के जोधपुर में हुआ। मारवाड़ी परिवार में जन्मे शैलेश लोढ़ा के पिता श्याम सिंह लोढ़ा एक सरकारी कर्मचारी थे और उनकी मां शोभा लोढ़ा को हिंदी लिखने और पढ़ने का बहुत शौक था। बचपन में उन्हें बाल कवि का तमगा मिल गया था। शैलेश लोढ़ा को कविता लिखने का हुनर मां से ही मिला, लेकिन परिवार का ग्लैमर वर्ल्ड से कोई नाता नहीं था। उनके परिवार की सोच थी कि शैलेश पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पर लग जाएं। शैलेश ने माता पिता की इस नसीहत को मान नौकरी पकड़ ली। हालांकि, शैलेश का मन ऊब गया और फिर उन्होंने कुछ करने की ठान ली।
नौकरी छोड़ बने कवि, भरपूर मनोरंजन
आखिरकार एक दिन बोरिया बिस्तर समेत शैलेश मुंबई आ गए। शैलेश नौ साल की उम्र से ही कविता लिखते थे और मंच पर कवि सम्मलेन भी करते थे। ऐसे में शैलेश बड़ा मंच खोजते हुए मायानगरी आ गए और यहां कवि के तौर पर करियर शुरू किया। शैलेश कविताएं लिखने और सुनाने में बचपन से माहिर थे। अब उन्होंने मुंबई में कवि के साथ-साथ अभिनय का गुण भी जोड़ लिया। उन्होंने मुंबई में लिखना तो जारी रखा ही, साथ ही अभिनय की कक्षाएं भी लीं। फिर उन्हें मौका मिला 'कॉमेडी सर्कस 2' में, जहां हास्य कवि के तौर पर प्रतियोगी के रूप में लोगों को कविताएं सुनकर हंसाया भी और अभिनय से मनोरंजन भी किया।
कवि के पेशे को दिलाई इंडस्ट्री में जगह
धीरे-धीरे शैलेश साहित्य और अभिनय की दुनिया में नाम बनाते चले गए। शैलेश ने अपने लिए रास्ते तो खोले ही, लेकिन अपने साथ-साथ वे अन्य कवियों की किस्मत भी चमका गए। दरअसल, उस दौर में केवल अभिनय को प्राथमिकता दी जाती थी और लोगों का ध्यान अभिनेता ही आकर्षित करते थे। ऐसे में टीवी पर पहले भी बहुत कवि आए, लेकिन उनका मुकाम ऊंचाई तक नहीं पहुंच पाया। उन कवियों को खास तवज्जो नहीं मिलती थी। हजार-हजार रुपये पाकर वे शो किया करते थे। फिर शैलेश ने इस पेशे को इंडस्ट्री में खास पहचान दिला दी। बतौर कवि शैलेश ने लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
'वाह वाह क्या बात है' शो किया होस्ट
हरियाणा और राजस्थान के कई कवि आते और हजारों रुपये का वेतन पाकर अपनी वर्षों की मेहनत से लिखी कविता को सुनाते। वहीं, इस पेशे में शैलेश ने हवा का रुख बदला और अभिनय के साथ-साथ कवि सम्मेलनों में कविताएं और शायरियां सुनानी शुरू कीं। इसके बाद मुख्य कवि सम्मेलन पर आधारित शो 'वाह वाह क्या बात है' में नजर आए, जिसकी कमान उन्होंने संभाली। 'तारक मेहता' की सह-कलाकर और शो में उनकी पत्नी अंजलि मेहता का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री नेहा मेहता भी दिखीं। इस शो में लुक लोकप्रियता हासिल की और सैकड़ों कवियों की उम्मीद बन गया, जिसने कई कवियों को मंच प्रदान किया।
कवियों के लिए ढाल बने शैलेश लोढ़ा
यह हास्य कवि धारावाहिक सोनी सब पर प्रसारित होता था। जिस पर दूर-दूर से लोग अपना हुनर दिखाने आते थे। इस शो की बदौलत कई कवियों को खूब पहचान भी मिली और जिन कवियों की प्रतिभाएं अब तक इंडस्ट्री में छिपी हुई थीं, उसे भी इंडस्ट्री में भी जगह मिली। कवियों के पेशे को भी तवज्जो मिली, जिसके बाद कवियों को भी बढ़ चढ़कर खूब पैसे मिलने लगे और वे हजारों की जगह लाखों रुपये पाने लगे। शैलेश लोढ़ा ने कवि के पेशे को मजबूती के साथ इंडस्ट्री में जगह दिलाई, जिसकी बदौलत कई अन्य कवियों का करियर बन गया। शैलेश ने 'मेहता साहब' बनकर भी इंडस्ट्री में खूब लोकप्रियता हासिल की।