बिजनेसमैन रतन नवल टाटा के अचानक सेहत खराब होने की खबरें सामने आई थी। जिसमें कहा गया था कि उन्हें मुंबई के कैंडी अस्पताल में भर्ती करवाया गया और वह आईसीयू यूनिट में हैं। इन खबरों के सामने आने के बाद अब रतन टाटा ने सोशल मीडिया पर कहा कि उनकी सेहत ठीक है और वह सिर्फ रुटीन चेकअप के लिए अस्पताल गए थे।
एक्स पर लिखा- गलत जानकारी न फैलाएं
रतन टाटा ने एक्स पर लिखा कि मेरी सेहत को लेकर चल रही अफवाहों के बारे में मुझे मालूम है। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि ये दावे सही नहीं हैं। मैं अपनी उम्र और उससे जुड़ी मेडिकल कंडीशंस के चलते मेडिकल चेकअप करवा रहा हूं। चिंता की कोई बात नहीं है। मैं स्वस्थ हूं और आम जनता और मीडिया से गलत जानकारी ना फैलाने की अपील करता हूं।
1962 में शुरू हुई असल कहानी
28 दिसंबर 1937 को तत्कालीन बॉम्बे जो अब मुंबई के नाम से जाना जाता है. वहां रतन टाटा का जन्म हुआ. वह टाटा समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। वे 1990 से 2012 तक समूह के अध्यक्ष थे और अक्टूबर 2016 से फरवरी 2017 तक अंतरिम अध्यक्ष थे। रतन टाटा समूह के चैरिटबल ट्रस्टों के प्रमुख बने हुए हैं।
रतन टाटा की असल कहानी साल 1962 में शुरू हुई जब वे टाटा समूह में शामिल हुए। उन्होंने 1990 में समूह के अध्यक्ष बनने से पहले कई कार्य किए और धीरे-धीरे बिजनेस की सीढ़ी चढ़ते गए। उनके कार्यकाल में टाटा समूह ने घरेलू और विदेश दोनों ही स्तरों पर पर्याप्त वृद्धि और विस्तार का अनुभव किया. टाटा की दूरदर्शिता और रणनीतिक सोच ने कंपनी को टेलीकॉम, रिटेल और ऑटो जैसे नए उद्योगों में विस्तार करने की अनुमति दी.
सरकार ने किया सम्मानित
टाटा की सबसे खास उपलब्धियों में से एक 2008 में जगुआर लैंड रोवर का अधिग्रहण था, जो टाटा समूह के इतिहास में एक महत्वपूर्ण पल था। परोपकार और कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति उनके समर्पण ने उन्हें भारत के दो सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों पद्म भूषण और पद्म विभूषण सहित अनगिनत सम्मान दिलाए हैं।
इतनी है टाटा की संपत्ति
साल 2024 तक रतन टाटा की कुल संपत्ति 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 12,483 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। साल 2022 में IIFL वेल्थ हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के मुताबिक रतन टाटा की कुल संपत्ति 3,800 करोड़ रुपए थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वह अपनी कमाई का 66 फ़ीसदी हिस्सा दान कर देते हैं।