रतन टाटा के निधन के बाद नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट्स का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रतन टाटा के निधन के बाद आज मुंबई में एक बैठक हुई थी, जिसमें रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को Tata Tusts का नया चेयरमैन बना दिया गया है।
कौन है नोएल टाटा
नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। दरअसल रतन टाटा के पिता नवल टाटा ने दो शादियां की थीं। नवल टाटा ने पहली शादी सूनी टाटा से की थी, जिनसे उनके दो बेटे रतन टाटा और जिम्मी टाटा हुए। सूनी टाटा से तलाक के बाद नवल टाटा ने स्विट्जरलैंड की एक बिजनेसवमेन सिमोन से साल 1955 में दूसरी शादी की। नवल टाटा और सिमोन टाटा के बेटे ही नोएल टाटा हैं।
3 बच्चों के साथ संभालेंगे कारोबार
बता दें कि ट्रस्ट के फैसले के बाद अब नोएल अपने 3 बच्चों नेवेल, माया और लिआ के साथ दुनियाभर के 100 से ज्यादा देशों में फैले टाटा ग्रुप का अरबों का कारोबार भी संभालेंगे। नोएल के तीनों बच्चे मौजूदा समय में टाटा ग्रुप में अलग-अलग जिम्मेदारियां निभा रहे हैं.
जानें उनकी जिंदगी के बारे में
रतन नवल टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को पारसी परिवार नवल और सुनू टाटा के घर पर हुआ। रतन टाटा ग्रुप के फाउंडर जमशेदजी टाटा के परपोते हैं। पर बचपन में ही उनके माता-पिता अलग हो गए थे। जिस कारण रतन टाटा की परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की।
1962 में की करियर की शुरूआत
रतन टाटा ने साल 1962 में अपने फैमिली बिजनेस को जॉइन किया। रतन टाटा ने टाटा स्टील के शॉप फ्लोर पर काम किया। इसके बाद वे मैनेजमेंट पोजीशन्स पर लगातार आगे बढ़े। 1991 में जे.आर.डी. टाटा ने पद छोड़ दिया और ग्रुप की कमान रतन टाटा को मिली।
21 साल की उम्र में बने कंपनी के चेयरमैन
रतन टाटा को 21 साल की उम्र में साल 1991 में ऑटो से लेकर स्टील तक के कारोबार से जुड़े समूह, टाटा समूह का चेयरमैन बनाया गया था। चेयरमैन बनने के बाद रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उन्होंने 2012 तक इस समूह का नेतृत्व किया, जिसकी स्थापना उनके परदादा ने एक सदी पहले की थी। 1996 में टाटा ने टेलीकॉम कंपनी टाटा टेलीसर्विसेज की स्थापना की और 2004 में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को मार्केट में लिस्ट कराया था।
इन बड़ी कंपनियों का किया अधिग्रहण
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने ब्रिटिश कंपनी टेटली का अधिग्रहण साल 2000 में, यूरोपी की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी कोरस का 2007 में और ब्रिटिश कार कंपनी जगुआर और लैंड रोवर का अधिग्रहण 2008 में किया था।
कुत्तों के बीमार पड़ने पर प्रिंस चार्ल्स से अवार्ड लेने नहीं गए
साल 2018 में प्रिंस चार्ल्स रतन टाटा को बकिंघम पैलेस में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड के लिए बुलाया। पर रतन टाटा ने अपने डॉग्स कुत्तों टैंगो और टीटो के बीमार होने के कारण अवॉर्ड फंक्शन में नहीं गए। जब यह बात प्रिंस चार्ल्स को पता चली तो उन्होंने कहा कि यही एक इंसान की सबसे बड़ी खूबी है, जो टाटा में है।