ख़बरिस्तान नेटवर्क : रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने साल 2024-25 को लेकर हैरान कर देने वाले आंकड़े जारी किए हैं। RBI ने बताया कि विदेशों में रहने वाले भारतीयों ने देश में रिकॉर्ड 135.46 बिलियन डॉलर भारत में भेजे हैं। अगर इन्हें भारतीय रुपयों में कंवर्ट करें तो यह 11.60 लाख करोड़ रुपए बनते हैं। यह रकम पिछले साल से ज्यादा 14 फीसदी ज्यादा है।
विकसित देशों से आता है 45 फीसदी हिस्सा
RBI रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे विकसित देशों से रेमिटेंस से 45 फीसदी हिस्सा आता है। पहले यह खाड़ी देशों सऊदी अरब, यूएई, कुवैत और कतर से पहले देश में पैसा आता था। पर उनकी हिस्सेदारी कम हो रही है। इसका कारण यह है कि अमेरिका, ब्रिटेन और सिंगापुर जैसे देशों में स्किल्ड प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ रही है।
घाटे में बड़ी भूमिका निभाता है रेमिटेंस
रेमिटेंस देश की अर्थव्यवस्था के लिए काफी अहम रहता है। क्योंकि यह देश में बिजनेस के घाटे को कम करने की बड़ी भूमिका निभाता है। वित्तीय वर्ष 2025 में भारत का माल व्यापार घाटा 287 बिलियन डॉलर था और रेमिटेंस ने इसके लगभग 47% हिस्से को कवर किया। यानी, यह पैसा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में अहम योगदान दे रहा है।
जानें क्या होता है रेमिटेंस
जब कोई भारतीय प्रवासी भारतीय विदेश से अपने देश पैसे भेजता है तो उसे रेमिटेंस कहते हैं। यह विदेशी मुद्रा हासिल करने का अच्छा तरीका भी माना जाता है। रेमिटेंस में पहले खाड़ी देशों में बसे भारतीयों का बड़ा योगदान था, जो अब धीरे-धीरे कम हो रहा है। अब अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा जैसे विकसित देशों से भारत में रेमिटेंस आ रहा है।