अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पर पांचों तख्तों के जत्थेदारों की बैठक खत्म हो गई है। तख्त श्री पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह और सरदार जगजीत सिंह दोनों को श्री अकाल तख्त साहिब के आदेशों का पालन नहीं करने के लिए धार्मिक दंड की सजा सुनाई गई थी। वहीं अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से भी 15 दिनों में जवाब मांगा है।
यह फैसला पांचों तख्तों के जत्थेदारों ने सुनाया
इस बीच, पंज तख्त श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह, ज्ञानी हरप्रीत सिंह, ज्ञानी सुल्तान सिंह और बाकी सिंह साहिब ने पटना साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह को धार्मिक सजा दी। उन्हें 11 दिनों तक झूठे बर्तनों की सेवा करने, पाठ सुनने और 500 रुपए का कड़ाह प्रसाद चढ़ाने और एक घंटे तक कीर्तन करने की धार्मिक सजा दी गई है।
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में पंथ द्वारा निष्कासित दर्शन सिंह रागी से कीर्तन कराने वाले 5 आयोजकों को भी बुलाया गया। जिनसे अपना जुर्म कबूल करने को कहा गया लेकिन उन्होंने जुर्म कबूल करने से इनकार कर दिया।
सुखबीर बादल से 15 दिन में मांगा जवाब
पांचों तख्तों के जत्थेदारों ने अकाली दल के बागी गुट की माफिनामें पर अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल से भी जवाब मांगा है। उन्हें 15 दिन में अपना पक्ष रखना होगा।
जानकारी के मुताबिक, ज्ञानी रघबीर सिंह की अध्यक्षता में सभी तख्तों के जत्थेदारों ने श्री अकाल तख्त साहिब में फैसला लिया कि सुखबीर बादल पर गंभीर आरोप हैं। जिनमें डेरा प्रमुख का पक्ष पूर्ण, शिरोमणि कमेटी के खाते से अकाली दल के 90 लाख रुपये के विज्ञापन जारी करना और ईशनिंदा के मामले प्रमुख हैं। पहले नियमों के विरुद्ध जाने वाले अपराधियों को धार्मिक दंड दिया जाता था।