Jojoba cultivation can become a profitable deal : ऐसा नहीं है कि खेती सिर्फ फसल, फल और सब्जियों की ही होती है। कुछ विशेष प्रकार की फार्मिंग भी होती है जिनमें अलग-अलग तरह के फल और फूल उगाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, मेडिसीन समेत कई अन्य चीजों में होता है। हम आपको एक ऐसे पौधे की खेती के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसमें ना ज्यादा पानी लगता है और ना अधिक उपजाऊ जमीन की जरूरत होती है। कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स और मेडिसीन में इस्तेमाल होने वाले जोजोबा की खेती दुनियाभर में की जाती है। अब भारत में भी जोजोबा फार्मिंग होने लगी है। कम लागत में इसे मुनाफे का सौदा माने जाने वाली खेती कहा जाता है क्योंकि, 15 से 30 रुपये में आने वाले इस पौधे के बीज से निकलने वाला तेल 7000 रुपये प्रति लीटर तक बिकता है। आइये विस्तार से जानते हैं इस खेती के बारे में…
कैसे होती है जोजोबा की खेती
जोजोबा कई तनों वाला एक झाड़ीदार पौधा है जो शुष्क इलाकों में उगाया जाता है, जहां पानी की ज्यादा जरूरत नहीं होती है इसलिए जोजोबा की खेती करने के लिए ज्यादा सिंचाई को लेकर ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। जरा-सी सिंचाई में जोजोबा के पौधे आसानी से फलफूल जाते हैं।
रेतीली मिट्टी में उगाना आसान
रेतीली मिट्टी में जोजोबा के पौधे उगाना सबसे आसान है। इसकी खेती की एक और खास बात यह है कि इसमें कोई उर्वरक डालने की जरूरत नहीं पड़ती है। राजस्थान के कई शुष्क इलाकों में, जहां पानी की कमी है वहां किसान जोजोबा की खेती कर रहे हैं।
जोजोबा के बीजों का उपयोग
जोजोबा के बीजों से निकलने वाले तेल का इस्तेमाल मुख्य रूप से कॉस्मेटिक आयट्मस और चर्म रोग से जुड़ी दवाओं को बनाने में किया जाता है क्योंकि, जोजोबा ऑयल में वैक्स एस्टर पाए जाते हैं, जिनका इस्तेमाल स्किन मॉइस्चराइजर, बॉडी लोशन शैंपू और हेयर ऑयल आदि के लिए किया जाता है।
दुनियाभर में जोजोबा की मांग
चूंकि, जोजोबा के तेल का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन सामग्री और दवाइयों में किया जाता है इसलिए दुनियाभर में इसकी बहुत डिमांड है। यही वजह है कि इस फसल के दाम भी अच्छे मिलते हैं। जोजोबा के 20 किलो बीज से लगभग 10 किलोग्राम ऑयल निकलता है। इस पौधे की एक और खास बात यह है कि इसकी उम्र 100 साल से भी ज्यादा होती है। इसका मतलब है कि एक बार अगर जोजोबा के पौधे को लगा दिया जाए तो अगले 10 दशक तक इससे फल मिलता रहेगा।