ख़बरिस्तान नेटवर्क : ईडी ने आज पंजाब में 22 निजी नशा मुक्ति केंद्रों द्वारा दवाओं की अवैध बिक्री से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के संबंध में रेड की गई। मिली जानकारी के अनुसार चंडीगढ़, लुधियाना, बरनाला और मुंबई में 4 स्थानों पर रेड की गई। जिसमें ईडी की टीम ने डॉ. अमित बंसल और अन्य के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है।
मामले पर जालंधर के सिविल सर्जन गुरमीत वडियाल का कहना है कि अमित बंसल नकोदर में सहज अस्पताल सेंटर चलाते थे, जिसका 12 दिसंबर 2024 को लाइसेंस कैंसिल कर दिया गया। उसके बाद 16 जनवरी 2025 को सेंटर को सील कर दिया था। जिसके बाद पता चला कि वह अन्य सेंटर भी चला रहे थे, जिसे पंजाब सरकार ने सील कर दिए थे।
सिविल सर्जन ने कार्रवाई किए जाने को लेकर कहा गया कि जो दवाई दी जाती थी उस गोलियों का दुरुपयोग किया जाता था। जिसके लेकर ईडी की टीम की तरफ से यह कार्रवाई की जा रही है। मरीज को दी जाने वाली दवाई का पोर्टल पर रिकार्ड दर्ज किया जाता है, ऐसा ना करने पर कार्रवाई की जाती है।
उन्होंने बताया कि अमित बंसल के पंजाब में 22 सेंटर चल रहे थे, उस दौरान भारी मात्रा में अलग-अलग सेंटरों से गोलियां बरामद की गई थी। अमित बंसल को विजिलेंस ने उस दौरान गिरफ्तार किया था, लेकिन आज ईडी द्वारा की गई कार्रवाई को लेकर अभी उनके पास कोई ज्यादा जानकारी नहीं है और ना ही ईडी की टीम द्वारा उनसे संपर्क किया गया।
बता दें कि यह कार्रवाई सबसे पहले पंजाब पुलिस ने की थी, जिसके बाद डॉ. अमित बंसल के खिलाफ मामला दर्ज करके अमित को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद जनवरी में पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने बंसल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विजिलेंस ने जिलों के सभी केंद्रों पर जांच शुरू की। जांच में पाया गया कि डॉक्टर अमित बंसल पंजाब के 16 जिलों में 22 निजी नशा मुक्ति केंद्र चलाता था। इस दौरान सेंटरों से अवैध बिक्री के लिए 31,000 से ज़्यादा नशीली गोलियों बरामद की गई।
इसी के चलते प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से पहले ही सभी नशा मुक्ति केंद्र निगरानी के दायरे में थे। विजिलेंस द्वारा बंसल की गिरफ्तारी के बाद राज्य स्वास्थ्य विभाग ने 13 जनवरी को उसके नाम से संचालित सभी 22 केंद्रों के लाइसेंस निलंबित कर दिए। इसके बाद, उन जिलों में व्यापक जांच शुरू की गई, जहां उसके अवैध केंद्र चल रहे थे। हालांकि मार्च में अमित बंसल को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से ज़मानत मिल गई थी।
पटियाला पुलिस ने 16 अप्रैल को बंसल पर नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम, 1985 की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। जिसमें पटियाला स्वास्थ्य विभाग और पटियाला उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) की तीन-सदस्यीय समिति की जाँच रिपोर्टों के आधार पर धारा 22, 25, 26, 29 और 32 शामिल हैं। उस पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 336 और 340(2) के तहत भी आरोप लगाए जाएँगे, जो मानव जीवन को खतरे में डालने और जालसाजी से संबंधित हैं।