कुछ महीनों पहले ही दुनिया ने कोविड-19 जैसी संक्रामक बीमारी से निजात पाया था, लेकिन इसी बीच एक नई बीमारी पड़ोसी देश चीन में अपने पैर पसारने लगी है। इस रहस्यमयी बीमारी ने छोटे बच्चों को अपनी चपेट में लेना शुरू कर दिया है। बता दें कि चीन में रहस्यमयी बीमारी मामलों में लगातार बढ़ोत्तरी पर एक बार फिर दुनियाभर की भी नजर है और यहां तक कि एक्सपर्ट्स इसे आने वाली महामारी होने का संदेह जता रहे हैं। चीन में स्थिति को लगातार खराब होते देख भारत ने भी अपनी कमर कस ली है। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को सावधान रहने को कहा है और पब्लिक हेल्थ सिस्टम को अपडेट करने के आदेश दिए गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन पर भी इसकी नजर है और चीन से इस बीमारी से जुड़ी जानकारियां मांगी हैं। चीन में फैल रही ये फेफड़ों की बीमारी को निमोनिया ही बताया गया है, हालांकि इसके लक्षण निमोनिया से थोड़े अलग भी मिल रहे हैं और इसलिए इस बीमारी के प्रकार की पूरी तरह से पहचान नहीं हो पाई है।
भारत में हेल्थ सिस्टम को अपडेट
चीन में स्थिति खराब होते देखते हुए एक्सपर्ट्स भारत में भी स्थिति खराब होने का संदेह जता चुके हैं। भारत में हेल्थ सिस्टम को अपडेट करने को कहा गया है और अस्पतालों को किसी बड़ी बीमारी के फैलने से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सार्वजनिक अस्पतालों में सांस से जुड़ी बीमारियों से निपटने के लिए पहले से तैयार रहने की सलाह दी जा रही है। चीन में स्थिति को देखते हुए कई देश पहले से ही इस बीमारी से निपटने के लिए अलग-अलग तैयारियों में जुटे हैं। भारत में भी इस स्थिति को देखते हुए बैड वगैरा तैयार रखने की सलाह दी जा रही है। साथ ही सांस से जुड़ी बीमारियों में जिन एंटीबायोटिक व एंटीवायरल दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है, उनका स्टॉक रेडी रखने को कहा गया है।
भारत में खतरा कितना ?
आपको बता दें कि भारत के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि उनकी टीम उत्तरी चीन में H9N2 ( एच9एन2) मामलों और बच्चों में श्वसन संबंधी बीमारी के बड़े पैमाने पर फैलने की खबरों और सभी रिपोर्ट्स पर बारीकी से नजर रख रही है। चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा मामले के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी के समूहों से भारत को फिलहाल खतरा कम है। बयान में यह कहा गया था कि देश चीन में इन्फ्लूएंजा की स्थिति से जुड़ी किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार है।
हालांकि, डॉक्टरों ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं, हाथों को बार-बार साबुन पानी से साफ करें और इन्फ्लूएंजा की वैक्सीन लगवाने जैसे उपाय अपनाएं।
छोटे बच्चों में निमोनिया के कई मामले सामने आए
बता दें कि बीते कई दिनों से चीन में छोटे बच्चों में निमोनिया के कई मामले सामने आ रहे हैं। बड़ी संख्या में बच्चे निमोनिया का शिकार हो रहे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में बच्चों के हॉस्पिटल्स में निमोनिया के मरीजों की संख्या बहुत अधिक बढ़ गयी है और रोजाना भारी संख्या में मरीज अस्पताल आ रहे हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार अभी तक इस बीमारी का सही कारण पता नहीं चल सका है। वहीं, निमोनिया से पीड़ित बच्चों में जो लक्षण दिखायी दे रहे हैं उनमें तेज बुखार प्रमुख लक्षण है। वहीं, कुछ बच्चों में फेफड़ों में सूजन की समस्या भी देखी जा रही है। हालांकि, डॉक्टरों और एक्सपर्ट्स की तरफ से अभी तक ऐसे कोई संकेत मिलने की बात नहीं कही गयी है कि चीन में निमोनिया से जुड़े ये इंफेक्शन गम्भीर हैं।
क्या निमोनिया के बढ़ते मामले हैं नयी महामारी का संकेत?
इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर इंफेक्शियस डिजीज की रिपोर्ट के अनुसार ''बीते कुछ दिनों में निमोनिया के जो मामले सामने आए हैं उनसे जुड़ी रिपोर्ट्स साल 2019 में वुहान में एक रहस्यमय निमोनिया आउटब्रेक से जुड़ी रिपोर्ट्स से मिलती-जुलती हैं। निमोनिया के बाद ही कोविड -19 की शुरुआत हुई थी। इसीलिए, माता-पिता अब इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि कहीं निमोनिया के मामले किसी नयी महामारी का कारण ना बन जाए।'