गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई मामले में पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस सुनवाई के दौरान सख्त लहजे में पंजाब के डीजीपी को कहा कि आप ने किस आधार पर कहा था कि लॉरेंस का इंटरव्यू पंजाब की जेल में नहीं हुआ था। डीजीपी को हलफनामा देकर जवाब देने के लिए कहा है। मामले की अगली सुनवाई 25 नवंबर तय की गई है।
पुलिस से पूछा- बार-बार क्यों लाया जा रहा था पंजाब
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पूछा कि लॉरेंस को बार-बार पंजाब में क्यों लाया जा रहा था। इससे यही जाहिर होता है कि इंटरव्यू पुलिस की मिलीभगत से ही हुआ है। जिस पर पंजाब पुलिस ने जवाब दिया कि मामले में डीएसपी स्तर के अधिकारियों पर कार्रवाई की जा चुकी है।
इन अधिकारियों पर गिर चुकी है गाज
लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले में डीएसपी गुरशेर सिंह संधू, समर वनीत डीएसपी, सब इंस्पेक्टर रीना, सीआईए खरड़, सब इंस्पेक्टर (एलआर) जगतपाल जांगू, एजीटीएफ सब इंस्पेक्टर (एलआर) शगनजीत सिंह, एएसआई मुख्तियार सिंह, एचसी (एलआर) ओम प्रकाश पर गाज गिर चुकी है।
SIT से भी पूछे सवाल
हाईकोर्ट ने इस मामले की जांच कर रही एसआईटी से कहा कि आपने बताया है कि लॉरेंस का इंटरव्यू कहां हुआ। लेकिन इंटरव्यू का उद्देश्य अभी स्पष्ट नहीं है। ऐसे में कोर्ट आपको एक और मौका देता है। वहीं कोर्ट ने फिर से स्पेशल डीजीपी प्रबोध कुमार के नेतृत्व में एसआईटी गठित की है।
जेल से दिया था निजी चैनल को इंटरव्यू
आपको बता दें कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने जेल के बैरक से एक निजी चैनल को इंटरव्यू दिया था। इंटरव्यू सामने आने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठने शुरू हो गए थे। इस पर पंजाब पुलिस ने कहा था कि यह इंटरव्यू पंजाब की जेल से नहीं हुआ था। इसे लेकर फिर स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित की गई।
इंटरव्यू को लेकर गठित SIT ने खुलासा किया कि पहला इंटरव्यू CIA (Crime Investigation Agency) के खरड़ थाने (मोहाली) में हुआ था। सितंबर 2022 में रिकॉर्ड किया गया यह इंटरव्यू 7 महीने बाद मार्च 2023 में जारी किया गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जेल में हुआ था।