For the first time, all three commanders in the army will get special power : भारत की तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना ने अपनी बहादुरी और अनुशासन के दम पर विश्वभर में अलग पहचान बनाई है। सेना देश की सुरक्षा के लिए हर मोर्चे पर डटी रहती है और दुश्मनों के दांत खट्टे करने के लिए तैयार रहती है। इसी कड़ी में देश की रक्षा सेवाओं में ऐतिहासिक बदलाव शुरू हो गया है। पहली बार सेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुखों को उनके व्यक्तिगत सहायक अधिकारी (Aide-de-Camp या ADC) दूसरी सेवाओं से नियुक्त किए जाएंगे। यह बदलाव 1 जनवरी 2025 से लागू होगा। इस कदम का उद्देश्य तीनों सेनाओं के बीच सामंजस्य और सहयोग बढ़ाना है, जो 'थिएटराइजेशन' के व्यापक लक्ष्य का हिस्सा है।
थिएटराइजेशन की दिशा में मजबूत कदम
दरअसल, ये थियेटर कमांड का हिस्सा है। इस बदलाव का केंद्रबिंदु है 'थिएटराइजेशन' योजना, जिसके तहत तीनों सेनाओं को संयुक्त थिएटर कमांड्स के तहत संगठित किया जाएगा। थिएटराइजेशन का उद्देश्य है कि तीनों सेनाएं एकीकृत दृष्टिकोण के साथ काम करें। इस प्रक्रिया की शुरुआत 2020 में पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत के कार्यकाल में हुई थी। वर्तमान CDS जनरल अनिल चौहान के नेतृत्व में इसे निर्णायक दिशा दी गई है।
क्रॉस-पोस्टिंग और सामंजस्य की पहल
थिएटराइजेशन को सफल बनाने के लिए अधिकारियों की क्रॉस-पोस्टिंग की जा रही है। पहली बार नौसेना, थलसेना और वायुसेना के प्रमुखों के सहायक अधिकारियों (ADC) को दूसरी सेवाओं से नियुक्त किया जाएगा। यह कदम केवल प्रतीकात्मक नहीं है, बल्कि तीनों सेवाओं के बीच सहयोग और विश्वास को बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके अलावा, सेनाओं में सामान्य अनुशासन नियम, प्रशिक्षण मॉड्यूल और वार्षिक रिपोर्ट प्रारूपों को भी एकरूप बनाया गया है।
इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड से समन्वित संचालन
थलसेना, वायुसेना और नौसेना के सभी संसाधन एक ही कमांड के तहत काम करेंगे। हर थिएटर कमांड को एक विशिष्ट क्षेत्र सौंपा जाएगा, जहां वह अपनी सेनाओं का समन्वित तरीके से संचालन करेगा। इस प्रक्रिया से युद्ध के समय संसाधनों का कुशल उपयोग होगा और तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बेहतर बनेगा। हर थिएटर कमांड का नेतृत्व तीन-सितारा अधिकारी करेंगे, जो थलसेना में लेफ्टिनेंट जनरल, वायुसेना में एयर मार्शल और नौसेना में वाइस एडमिरल हो सकते हैं।
दुनिया में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से लागू
वैसे तो थिएटराइजेशन कोई नई अवधारणा नहीं है। अमेरिका, चीन और रूस जैसे देशों ने इस पर काम किया हुआ है लेकिन भारत दुनिया का पहला लोकतांत्रिक देश होगा जो इसे पूरी पारदर्शिता और सहमति के साथ लागू करेगा। पहला चरण 2025 में लागू होगा, जिसमें तीनों सेनाओं के कमांडरों को विशेष अधिकार दिए जाएंगे। यह कदम न केवल भारत की सैन्य ताकत को बढ़ाएगा बल्कि विश्व में भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की मिसाल भी पेश करेगा।
बदलते वैश्विक परिदृश्य में मजबूती से खड़ी रहें
इसको ऐसे समझिए की जरूरत पड़ने पर एक ही जगह तीनों सेनाएं एक ही कमांड के साथ तैनात हो जाएंगी। यह ऐतिहासिक पहल भारत को सैन्य और रणनीतिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाएगी। CDS जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों की यह संयुक्त रणनीति भारत की सेनाओं को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। यह सुनिश्चित करेगा कि भारतीय सेनाएं तेजी से बदलते वैश्विक परिदृश्य में मजबूती से खड़ी रहें और हर चुनौती का सामना करने के लिए तैयार रहें।