वर्कआउट करते हुए हम सभी कई अलग-अलग एक्सरसाइज करते हैं। इस दौरान हम बेंच प्रेस वर्कआउट भी करते हैं। इसे चेस्ट, कंधों और ट्राइसेप्स को मजबूत बनाने के लिए एक अच्छी एक्सरसाइज माना जाता है। बेंच प्रेस एक बेहद ही महत्वपूर्ण एक्सरसाइज है। अगर इसे सही तरह से किया जाए तो इससे आपकी अपर बॉडी स्ट्रेन्थ बढ़ती है। साथ ही बॉडी का स्टेमिना भी बेहतर होता है। इतना ही नहीं, बेंच प्रेस आपकी गर्दन, छाती, बाइसेप्स और यहां तक कि आपके कोर पर भी काम करती है। अगर आप अपने शरीर के ऊपरी हिस्से को अधिक मजबूत व टोन करना चाहती हैं तो यकीनन बेंच प्रेस को आपको अपने एक्सरसाइज रूटीन में शामिल करना चाहिए।
कई बार बेंच प्रेस के दौरान हम कुछ छोटी-छोटी गलतियां कर बैठते हैं, जिससे हमारी बॉडी पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ता है। हो सकता है कि आप भी गलत तरीके से बेंच प्रेस कर रहे हों और आपको इसके बारे में पता ही ना हो। हालांकि, आपका शरीर आपको इसके संकेत देता है।
शोल्डर में चेस्ट से ज्यादा दर्द होना
बेंच प्रेस को आपके पेक्टोरल या चेस्ट से अधिक काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसलिए, जब आप बेंच प्रेस करती है तो इससे आपके चेस्ट एरिया पर अधिक जोर पड़ता है। लेकिन अगर आप बेंच प्रेस कर रही हैं और एक्सरसाइज के बाद आपको विशेष रूप से आपके कंधों में दर्द व जलन का अहसास होता है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। कंधों में दर्द इस बात का संकेत है कि बेंच प्रेस के दौरान आपका बॉडी पॉश्चर गलत है या फिर आप इसे गलत तरीके से कर रही हैं।
पसलियों में चोट व दर्द का अहसास
यह भी आपको बेंच प्रेस को गलत तरीके से करने के संकेत देता है। दरअसल, कई बार बेंच प्रेस करते समय हम बार को बाउंस करते हैं। इससे आपके लिए उस समय भले ही वजन उठाना आसान हो जाए, लेकिन इससे आपको नुकसान होता है। अगर आपको बारबेल को बाउंस करनापड़ता है तो संभावना है कि यह बहुत भारी है। याद रखें कि यदि वजन काफी अधिक है तो इससे आप अपनी पसली को भी चोट पहुंचा सकती हैं। इसलिए, पहले वजन कम करें और उसके बाद ही बेंच प्रेस करें।
रीढ़ पर दबाव का अहसास होना
बेंच प्रेस करते समय आपकी रीढ़ की हड्डी पर किसी तरह का जोर नहीं आना चाहिए। लेकिन अगर आपको रीढ़ पर दबाव का अहसास हो रहा है तो यह बताता है कि आप गलत तरीके से बेंच प्रेस कर रही हैं। दरअसल, कई बार बेंच प्रेस करते समयहम अनजाने में ही अपने हिप्स को हल्का उपर उठाते हैं, जिससे आपका शरीर पैरों से आपके कंधों तक एक आर्च में बदल जाता है और फिर इससे आपकी रीढ़ पर एक दबाव पड़ता है। इसलिए, जब भी आप बेंच प्रेस करें तो अपने ग्लूट्स को हर समय बेंच पर रखें, ताकि आपको किसी तरह की समस्या ना हो।
इन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए-
वार्मअप करना है बेहद जरुरी
जब आप बेंच प्रेस वर्कआउट कर रही हैं तो यह जरूरी है कि पहले आप वार्मअप करें। कई बार लोग जिम जाने के बाद सीधे ही बेंच प्रेस करने लग जाते हैं। ऐसे में आपकी मसल्स व ज्वॉइंट्स वर्कआउट के लिए तैयार नहीं होती है। इससे मसल्स में स्ट्रेन आने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए, शुरुआत में आप हमेशा लाइट कार्डियो करें। साथ ही, डायनेमिक स्ट्रेच और हल्के वजन के साथ वार्म-अप सेट करें। इससे आप बेहतर तरीके से परफॉर्म कर पाते हैं।
बॉडी पोजिशन का रखें ख्याल
बेंच प्रेस करते हुए आपको अपनी बॉडी की पोजिशन का खास ख्याल रखना चाहिए। यह बेहद ही अहम् है। अगर आपका बॉडी पोश्चर सही नहीं होता है तो इससे मसल्स पर वह इफेक्ट नहीं आता है। यहां तक कि इससे आपको चोट भी लग सकती है। बेंच प्रेस करते हुए आप अपने पैरों को ज़मीन पर सीधा रखते हुए बेंच पर लेट जाएं। ध्यान रखें कि आपकी पीठ, कंधे और बट्स हर समय बेंच के टच में हो। लेकिन आप पीठ के निचले हिस्से में हल्का सा आर्च बनाए रखें। वहीं, आप अपने हाथों को बारबेल पर कंधे की चौड़ाई से थोड़ा अधिक फैलाएं।
साथ एक स्पॉटर जरूर रखें
बेंच प्रेस में अगर आप नई हैं तो कोशिश करें कि आप अपने साथ एक स्पॉटर जरूर रखें। ऐसे में जरूरत पड़ने पर वह आपकी मदद कर सकेगा। इससे बेंच प्रेस करते हुए चोट लगने की संभावना काफी कम हो जाती है।
ज्यादा वजन उठाने से बचें
कई बार यह देखने में आता है कि हम जल्द इफेक्ट लाने के लिए बेंच प्रेस के दौरान बहुत अधिक वजन उठाने लग जाते हैं। लेकिन एकदम से ऐसा करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, जरूरत से ज्यादा वजन उठाने से आपका बॉडी पोश्चर बिगड़ता है और साथ ही साथ चोट लगने की संभावना भी कई गुना बढ़ जाती है। इसलिए शुरूआत हमेशा कम वजन के साथ करें। धीरे-धीरे जब आप वजन के साथ कंफर्टेबल होते जाएं तो ऐसे में आप वजन को बढ़ा सकती हैं। लेकिन एकदम से बहुत अधिक वजन ना बढ़ाएं।