Chaitra Purnima tomorrow for increase in luck : पूर्णिमा के दिन स्नान और दान का काफी महत्व है। चैत्र पूर्णिमा पर भक्त पवित्र स्नान करते हैं और दान करते हैं और व्रत रखते हैं। चैत्र पूर्णिमा का व्रत चैत्र शुक्ल पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। इस बार चैत्र पूर्णिमा की तिथि 23 अप्रैल को सुबह 03:25 बजे शुरू होगी और 24 अप्रैल को सुबह 05:18 बजे समाप्त होगी। ऐसे में चैत्र पूर्णिमा का पवित्र स्नान और व्रत 23 अप्रैल को किया जाएगा।
चैत्र पूर्णिमा पर करें इन 5 चीजों का दान
चावल : चैत्र पूर्णिमा के दिन पवित्र स्नान करने के बाद आप चावल का दान कर सकते हैं। आप चाहें तो दूध, चावल और चीनी से बनी खीर भी दान कर सकते हैं।
सफेद वस्त्र : अगर आप चैत्र पूर्णिमा के दिन सफेद वस्त्र का दान करते हैं तो आपकी कुंडली में चंद्रमा के दोष दूर हो जाएंगे।
चांदी : चन्द्रमा की शुभ धातु चांदी है। चैत्र पूर्णिमा पर आप चाहें तो अपनी क्षमता के अनुसार चांदी का दान कर सकते हैं। इसके अलावा आप मोती का दान भी कर सकते हैं।
सफेद फूल : चैत्र पूर्णिमा पर चंद्रमा की पूजा में सफेद फूलों का प्रयोग करें और सफेद फूलों का दान भी कर सकते हैं।
दूध और दही : ये दोनों वस्तुएं भी चंद्रमा से संबंधित हैं। चैत्र पूर्णिमा पर स्नान के बाद आप दूध, दही, शंख आदि का दान कर सकते हैं।
जीवन में भी पड़ता है सकारात्मक प्रभाव
जब भक्त चैत्र पूर्णिमा पर इन चीजों का दान करते हैं तो चंद्र देव या चंद्रमा प्रसन्न होते हैं। इससे उनके जीवन में अधिक सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और सुख-समृद्धि भी कई गुना बढ़ जाती है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्र दोष होता है वे भी इन वस्तुओं का दान कर सकते हैं जिससे उनकी कुंडली से यह दोष दूर हो जाता है।
दान करते समय रखें इन बातों का ध्यान
दान हमेशा उस व्यक्ति को करें जो जरूरतमंद हैं। यदि आप किसी गरीब या रोगी व्यक्ति को धन देते हैं तो वह उस पैसे का उचित इस्तेमाल करेगा। दान हमेंशा उदार एवं शुद्ध मन से करें। किसी को दान देते समय उसे यह जताकर दान नहीं देना चाहिए कि आप उसकी मदद करके उस पर अपना अहसान जता रहे हैं।
दान पाकर जरा भी हीन न समझने पाए
जिस किसी भी व्यक्ति को दान दे रहें हों वह आपका दान पाकर जरा भी स्वयं को हीन न समझने पाए. संभव हो तो हमेशा गुप्त दान करें, ताकि मदद पाने वाले व्यक्ति को किसी भी प्रकार का कोई संकोच न हो।
दूसरों की जरूरत के अनुसार दान दें
अपनी इच्छा के मुताबिक दान करने से बेहतर है कि आप दूसरों की जरूरत के अनुसार दान दें। यदि किसी के पास बहुत कम पैसे हों और वह उसमें से भी किसी की मदद के लिए दान देने की भावना रखता है तो निश्चित मानिए अपने वह बहुत बड़ा दान माना जाता है।