Cases of new Chinese virus are increasing rapidly in India, symptoms of HMPV are also similar to Corona : चीन के नए वायरस ने फिर दुनिया को संकट में डाल दिया है। चीन के कई पड़ोसी देशों के बाद हाल ही में भारत में HMPV वायरस के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है। अब तक बच्चों में 7 केस सामने आए हैं। हालांकि, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने कहा है कि स्थिति नियंत्रण में है और कोविड जैसी महामारी की आशंका नहीं है। HMPV के लक्षण अन्य सामान्य श्वसन संक्रमण जैसे होते हैं। HMPV कोई नया वायरस नहीं है। इसे 2001 में पहली बार पहचाना गया था और यह कई सालों से दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में फैला हुआ है। HMPV का कोई खास एंटीवायरल इलाज या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इसके लिए लक्षणों को कम करने पर ध्यान दिया जाता है।
मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर डालता है
HMPV मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकलने वाली श्वसन बूंदों से फैलता है। यह वायरस सतहों पर थोड़े समय तक जीवित रह सकता है, इसलिए हाथों की सफाई बेहद जरूरी है। छोटे बच्चे गर्भवती महिलाएं बुजुर्ग (65 वर्ष से अधिक) कमजोर इम्यून सिस्टम वाले लोग गर्भवती महिलाओं में यह वायरस मां और बच्चे दोनों की सेहत पर असर डाल सकता है।
अंदर-बाहर मास्क पहनें और बार-बार हाथ धोएं
HMPV बच्चों और बुजुर्गों में ऊपरी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करता है। यह वायरस हल्के बुखार से लेकर ब्रोंकियोलाइटिस और निमोनिया जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। संक्रमण मुख्य रूप से श्वसन बूंदों के जरिए फैलता है। रोजाना कम से कम 30 मिनट एक्सरसाइज करें। पर्याप्त नींद लें और तनाव को दूर रखें। बाहर निकलने पर मास्क पहनें और बार-बार हाथ धोएं।
HMPV के लक्षण
खांसी
बुखार
नाक बंद या बहना
गले में खराश
सांस लेने में कठिनाई
निमोनिया
अस्थमा या COPD के लक्षण बढ़ना
कान के संक्रमण
HMPV का इलाज कैसे करें व उपचार के सामान्य तरीके
ऊपरी श्वसन प्रणाली का महत्व : ऊपरी श्वसन प्रणाली में नाक, नासिका गुहा, साइनस, गला और लेरिंक्स शामिल हैं। यह प्रणाली सांस लेने और हवा को साफ करने का काम करती है। इसका सबसे महत्वपूर्ण कार्य यह सुनिश्चित करना है कि आप जो हवा सांस लेते हैं, वह फेफड़ों तक शुद्ध, गर्म और नम होकर पहुंचे। बचाव के लिए इम्यून सिस्टम और श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाना बेहद जरूरी है।
ऊपरी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने के 10 घरेलू उपाय
1. तुलसी का सेवन
तुलसी में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण होते हैं। सुबह खाली पेट 4-5 तुलसी के पत्तों का सेवन करें या इसे चाय में मिलाकर पीएं।
2. अदरक का काढ़ा
अदरक में सूजन कम करने वाले गुण होते हैं। इसे पानी में उबालकर थोड़ा शहद मिलाकर पीएं।
3. हल्दी वाला दूध
हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है। रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में हल्दी मिलाकर पीएं।
4. भाप लें
नाक और गले को साफ रखने के लिए भाप लेना फायदेमंद है। पानी में नीलगिरी का तेल मिलाकर भाप लें।
5. शहद और काली मिर्च
शहद और काली मिर्च का मिश्रण गले की समस्याओं के लिए फायदेमंद है। इसे सुबह-शाम खाएं।
6. आंवला और शहद
आंवले में विटामिन-C की भरपूर मात्रा होती है। रोजाना एक चम्मच आंवला पाउडर में शहद मिलाकर खाएं।
7. लहसुन का सेवन
लहसुन में ऐंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं। इसे खाने में शामिल करें या खाली पेट 1-2 कली लहसुन खाएं।
8. नमक पानी से गरारे करें
गले की सूजन और संक्रमण से बचने के लिए गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करें।
9. ग्रीन टी का सेवन
ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो इम्यूनिटी को बढ़ाते हैं। इसे दिन में 2-3 बार पीएं।
10. संतुलित आहार लें
फलों, हरी सब्जियों, और सूखे मेवों को डाइट में शामिल करें। इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होगा।