वेब खबरिस्तान, तेलंगाना : तेलंगाना विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार खत्म हो गया। भारत राष्ट्र समिति, कांग्रेस और भाजपा सहित चुनाव में हिस्सा ले रही तमाम पार्टियों ने प्रचार में पूरी ताकत झोंकने में कोई कसर नहीं छोड़ी। पर कांग्रेस के लिए प्रचार सबसे ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहा, क्योंकि पार्टी के सामने खुद को बीआरएस के विकल्प के तौर पर पेश करने के साथ चुनावी लड़ाई को त्रिकोणीय बनने से रोकने की चुनौती थी।
त्रिकोणीय लड़ाई में कसर नहीं छोड़ी
कांग्रेस ने प्रदेश की ज्यादातर सीट पर भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) को सीधी टक्कर देने की कोशिश की, पर कई सीट पर भाजपा ने लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रदेश कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि हमारी पूरी कोशिश रही कि किसी तरह यह लड़ाई त्रिकोणीय न बने, क्योंकि, इससे सत्ता विरोधी वोट विभाजित हो सकते है हालांकि कई सीट पर पार्टी नाकाम रही।
119 सीट पर चुनाव लड़ रही है BJP
पार्टी बीआरएस और भाजपा पर लगातार मिलीभगत का आरोप लगाती रही। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जमीनी स्तर पर भाजपा बहुत मजबूत नहीं हैं पर कुछ सीट पर उसकी मौजूदगी से इनकार नहीं किया जा सकता। तेलंगाना में भाजपा सभी 119 सीट पर चुनाव लड़ रही है। ऐसे में जिन सीट पर भाजपा मजबूत है, वहां बीआरएस और कांग्रेस की लड़ाई में भाजपा अहम भूमिका निभाएगी।
सत्ता विरोधी वोट का बंटवारा न हो
तेलंगाना कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बी. महेश कुमार मानते हैं कि जिन सीट पर कांग्रेस और बीआरएस के बीच करीबी मुकाबला है, वहां भाजपा उम्मीदवार की मजबूती खेल बिगाड़ सकती है। यही वजह है कि चुनाव प्रचार के दौरान पार्टी ने लगातार मतदाताओं को समझाने का प्रयास किया कि सत्ता विरोधी वोट का बंटवारा नहीं होना चाहिए और इससे कांग्रेस व बीआरएस में सीधी लड़ाई कमजोर पड़ सकती है।