खबरिस्तान नेटवर्क : बीबीसी ने सिद्धू मूसेवाला पर बनाई डाक्यूमेंट्री The Killing Call के दो एपीसोड रिलीज कर दिए हैं। हालांकि इस डाक्यूमेंट्री पर रोक लगवाने के लिए मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह कोशिशें कर रहे थे। उन्होंने कोर्ट में भी अपील दायर की थी। डाक्यूमेंट्री मूसेवाला की हत्या के पीछे की वजह ढूंढने की कोशिश की गई है। मगर एक दो फैक्ट को छोड़कर इसमें कुछ भी नया नहीं है।
पहला एपीसोड सिद्धू की कहानी
बीबीसी के डाक्यूमेंट्री के पहले एपीसोड में सिद्धू मूसेवाला के सिंगर बनने की कहानी बताई गई है। इसमें बताया गया है कि कैसे सिद्धू पंजाब के छोटे से गांव से उठकर दुनिया भर में छा गया। सिद्धू कैसे बिग बर्ड के साथ मिलकर सो हाई गाने से पापुलर हुआ। इसमें सनी माल्टन के अलावा सिद्धू के कुछ दोस्तों, पत्रकारों और म्यूजिक इंडस्ट्री के लोगों से बात की गई है। पहले एपीसोड के अंत तक बताया गया है कि कैसे सिद्धू जब स्टार बना तो उसने पिता बलकौर सिंह ने सिद्धू के फाईनांस को संभाला। कैसे सिद्धू से उससे जुड़े कुछ लोग अलग हो गए। इसमें सिद्धू की लारेंस बिश्नोई और बंबीगा गैंग के करीबी होने की बात बताई गई है।
दूसरे एपीसोड में बताई मौत की वजह
इस एपीसोड में भी कुछ नया नहीं है। बीबीसी रिपोर्टर ने गोल्डी बराड़ के वायस नोट के जरिए डाक्यूमेंट्री में जान डालने की कोशिश की है। मगर ये सब बातें गोल्डी पहले ही कह चुका है। सिद्धू मूसेवाला की हत्या की वजह विक्की मिद्दूखेड़ा के मर्डर का बदला बनी। डाक्यूमेंट्री बताया गया है कि पहले लारेंस सिद्धू के गाने सुनता था। सिद्धू लारेंस को मैसेज भी भेजता था। लारेंस ने सिद्धू को बंबीहा गैंग से जुड़े मनदीप सिंह धालीवाल के कबड्डी टूर्नामेंट में जाने से मना किया था। मगर सिद्धू वहां चला गया था। इसके बात क्या हुआ सब जानते हैं। एपीसोड का एंड सवालों के साथ होता है।
बिना बात डर रहे थे पिता
मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह इस डाक्यूमेंट्री को रुकवाने के लिए कोर्ट गए। मगर इसमें ऐसा कुछ नहीं है, जिससे सिद्धू के केस को नुकसान हो। वही पुराने फैक्ट को नया तड़का लगाकर पेश किया गया है। सिद्धू मूसेवाला के माता पिता ने बीबीसी के साथ इस डाक्यूमेंट्री में बात करने से इनकार कर दिया था। जिसका जिक्र दूसरे एपीसोड के लास्ट में किया गया है।
कोर्ट जा चुके बलकौर सिंह
इससे पहले मूसेवाला के पिता बलकौर सिंह ने बीबीसी की इस डाॅक्यूमेंट्री फिल्म बनाने पर रोक की मांग की थी। इसे लेकर उन्होंने एडिशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की अदालत में याचिका दायर की है। अगली सुनवाई 12 जून को होनी थी, मगर उससे पहले ही बीबीसी ने इस डाक्यूमेंट्री का पहला पार्ट रिलीज कर दिया है। अदालत ने इस मामले को लेकर उक्त चैनल के तीन अधिकारियों को नोटिस जारी किए हैं।
इससे पहले बलकौर सिंह मूसेवाला ने महाराष्ट्र और जुहू पुलिस को पत्र लिखकर फिल्म पर रोक लगाने और चैनल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। उनका कहना है कि फिल्म निर्माताओं ने उनसे इजाजत नहीं ली है। उन्हें डर है कि इससे अदालत में चल रहा मूसेवाला का केस प्रभावित होगा।
बलकौर सिंह ने बीबीसी प्रबंधन के खिलाफ डीजीपी महाराष्ट्र को शिकायत देने के बाद मानसा की कोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने कहा कि यह डाॅक्यूमेंट्री फिल्म नहीं बननी चाहिए थी। इससे पहले चैनल ने फिल्म को लेकर रखे कार्यक्रम को भी 10 दिन के लिए टालने की भी खबर आई थी। मानसा के अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट राजिंदर नागपाल की अदालत में याचिका दायर कर बलकौर सिंह मांग की है कि इस फिल्म की रिलीज पर रोक लगाई जाए।
पत्रकारों से बातचीत में बलकौर सिंह ने कहा थाकि सिद्धू मूसेवाला को न्याय मिलने के बाद ऐसी फिल्में बनाने पर विचार किया जाएगा। इससे पहले ऐसी फिल्में नहीं बनाई जानी चाहिए। यह फिल्में सिद्धू मूसेवाला के नाम और करियर से खुद को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई गई हैं, लेकिन कोई नहीं जानता कि इससे उन्हें क्या नुकसान हो रहा है। इसलिए उन्होंने अदालत में याचिका दायर कर अदालत के माध्यम से इस डाॅक्यूमेंट्री पर रोक लगाने की मांग की है।