छत्तीसगढ़ के प्राइमरी स्कूलों में पढ़ा रहे बीएड प्रशिक्षित अभ्यर्थियों (Trained Candidates) को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के फैसले को सही करार दिया है। हाई कोर्ट ने अप्रैल में बीएड अभ्यर्थियों को हटाकर डिप्लोमा किए हुए अभ्यर्थियों को नए सिरे से पद स्थापना देने के निर्देश दिए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। सभी डिप्लोमा धारक सुप्रीम कोर्ट के फैसले को राज्य में जल्द से जल्द लागू करने की मांग कर रहे है। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के इस निर्णय के खिलाफ प्रभावित शिक्षकों एवं शासन ने सुप्रीम कोर्ट में पहले याचिका पेश की थी। याचिका खारिज होने के बाद दूसरी बार एसएलपी प्रस्तुत किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने सभी एसएलपी को खारिज कर आदेश जारी किया है। प्रदेश के लगभग 6285 बीएड डिग्री धारक सहायक शिक्षक इस आदेश से प्रभावित होंगे।
ये है मामला
छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा विभाग में 2023 में 12489 पदों का विज्ञापन जारी हुआ था। जिसमें से 6285 पद सहायक शिक्षक के थे। चूंकि सहायक शिक्षक की योग्यता को लेकर छत्तीसगढ़ में मामला लंबित था, छत्तीसगढ़ राज्य में सहायक शिक्षकों की पदों पर भी बीएड धारकों को शर्तों के आधार पर नियुक्तियां दे दी गई। 2 अप्रैल 2024 को छत्तीसगढ़ राज्य की हाई कोर्ट ने बीएड धारकों को सहायक शिक्षक पद के लिए अमान्य माना और शिक्षा विभाग को आदेश दिया कि 42 दिनों के अंदर पुनरीक्षित सूची जारी कर डिप्लोमा धारकों को नियुक्तियां दे दी जाए।