आयुष्मान कार्ड धारकों को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि सभी प्राइवेट अस्पतालों ने फ्री ईलाज करना बंद कर दिया। प्राइवेट हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम एसोसिएशन (PHANA) के बाद अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) पंजाब ने भी आयुष्मान स्कीम के तहत इलाज करने से मना कर दिया है।
एसोसिएशन का कहना है कि जिन मरीजों का अभी प्राइवेट अस्पतालों में इलाज चल रहा था, उन्हें भी अब पूरा बिल चुकाना होगा। सरकार और प्राइवेट अस्पतालों के बीच चल रही खींचतान का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा। IMA पंजाब ने स्पष्ट किया है कि जब तक 600 करोड़ रुपए की बकाया रकम नहीं मिल जाती, तब तक मुफ्त इलाज नहीं होगा।
आयुष्मान योजना चलाने के लिए सरकार पहले भुगतान करे
PHANA के मुताबिक मुख्य रूप से यह केंद्र सरकार की स्कीम है जिसमें 13 लाख लोगों को जो नीले कार्ड धारक हैं, को शामिल कर किया गया था जिसमें 60 फीसदी केंद्र सरकार ने देना था जबकि 40 प्रतिशत राज्य सरकार की भागीदारी थी।
पर राज्य सरकार ने इसमें 29 लाख और लोगों को शामिल कर लिया गया जिससे समस्या बढ़ने लगी। मरीजों की आमद बढ़ने के साथ-साथ अस्पतालों के बिल भी बढ़ने लगे। अस्पतालों का 600 करोड़ रुपया बकाया है। अगर आयुष्मान भारत स्कीम को निजी अस्पतालों में चलाना है तो पहले बकाया राशि का भुगतान करना होगा।
हर महीने 80-90 करोड़ की बिलिंग होती है
एसोसिएशन ने आगे कहा कि हर महीने 80 से 90 करोड़ की बिलिंग होती है 7 महीने से बिलों का भुगतान बंद किया हुआ है। 100 करोड़ रुपए पहले के पैंडिंग है। सेहत मंत्री का कहना है कि निजी अस्पतालों का 197 करोड़ बकाया है जबकि सरकारी अस्पतालों का बकाया 166. 67 करोड रुपए है जो कुल मिलाकर लगभग 364 करोड़ रूपया बनता है तो उन्होंने कहा कि ये गलत आंकड़े बताए जा रहे हैं।