Asias richest village is among the beauties of India : भारत गांवों का देश है। भारत की 85 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है। भारत में कुल 7 लाख 50 हजार (750000) गांव हैं। भारत में 640867 गांव पंचायतें हैं। भारत के साढ़े सात लाख गांव में एक सबसे धनी गांव (Richest Village) भी है। भारत का यह गांव केवल भारत में ही सबसे धनी गांव नहीं है बल्कि एशिया का सबसे अमीर (धनी) गांव (Richest Village) है। एशिया के सबसे अमीर इस गांव में रहने वाला हर ग्रामीण करोड़पति हैं। दरअसल भारत में ढेर सारी सुंदर वादियां मौजूद हैं। इन्हीं सुंदर वादियों में से एक खूबसूरत वादी में मौजूद है। भारत की इस सुंदर वादी का नाम हिमाचल प्रदेश है। बात विश्व के सबसे धनी गांव की करें तो विश्व का सबसे धनी गांव अमेरिका में बताया जाता है। कुछ सर्वे गुजरात के माधापार गांव को भी विश्व का सबसे अमीर गांव यानि की दुनिया का सबसे अधिक धनवान गांव मानते हैं।
बात एशिया के सबसे धनी गांव की
एशिया का सबसे धनी गांव हिमाचल प्रदेश में है। जी हाँ देश की राजधानी दिल्ली से 300 किलोमीटर दूर स्थित यह गाँव एशिया के सबसे अमीर गाँवों की लिस्ट में नंबर 1 पर है। गाँव के किसानों ने अपनी बंजर ज़मीन पर जी तोड़ मेहनत कर ज़मीन को इतना उपजाऊ बना दिया कि गाँव वालों की ज़मीन अब सोना उगल रही है।इस गाँव के प्रत्येक नागरिक के बैंक खाते में 1 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि जमा है। यह गाँव आज पूरे देश और विदेश में चर्चा का विषय बन गया है।
सादा जीवन, झोपड़ी और बैलगाड़ी
आज के इस दौर में गाँव वालों के प्रति शहर के लोगों की मानसिकता खराब हो गई है । शहर के लोग गाँव में रहने वालों को पिछड़ा, सादा जीवन, झोपड़ी और बैलगाड़ी से जोड़ते है।मगर हिमाचल प्रदेश की राजधानी से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक गाँव इन सभी धारणाओं से परे है।इस गाँव के सभी लोगों के पास लक्जऱी कारें, आलीशान मकान और ग्रामीण हाई-फ़ाई लाइफ स्टाइल जी रहे है। एशिया के अमीर इस गाँव का नाम है मड़ावग। इस गाँव के सभी लोग करोड़पति है।
कोई बिजनेस या बड़ा कारोबार नहीं
इस वक्त आपके ज़हन में एक सवाल घूम रहा होगा कि सबसे धनी गाँव के लोग ऐसा क्या काम करते है कि सभी करोड़पति है।आपको बता दें की मड़ावग गांव के लोग कोई बिजनेस या बड़ा कारोबार नहीं करते बल्कि गांव के लोग सेव की खेती करते हैं। इस गाँव के सेव देश और दुनिया भर में मशहूर है। इस गांव में सालाना 175 करोड़ रुपये तक के सेव बेचे जाते हैं। इस गाँव का हर परिवार सालभर में सेव बेच कर करोड़ों रुपये की कमाई कर लेता है।
देश व विदेश में हो रही गांव की चर्चा
हिमाचल प्रदेश के मड़ावग गाँव के लोग शुरुवात में आलू की खेती करते थे। लेकिन वर्ष 1953-1954 में गाँव के रहने वाले चइया राम मेहता ने गाँव में पहला सेव का बाग लगाया था। जिसके बाद गाँव के बाक़ी लोग भी सेव के बाग लगाने के लिए प्रेरित हुए। गाँव वालों की मेहनत से मड़ावग के सेव की क्वालिटी बेहतरीन हो गई। इसी वजह से मड़ावग के सेव देश विदेश में मशहूर है। गाँव के किसानों ने सेव की खेती से आज इस गाँव को एशिया का सबसे अमीर गाँव बना दिया है जिसकी चर्चा देश व विदेश में हो रही है। तो अब आप जान गए हैं कि एशिया का सबसे धनी गांव भारत के हिमाचल प्रदेश का मड़ावग गांव है।