अमृतसर मं आज किसान मजदूर संघर्ष कमेटी ने ट्रैक्टर से सड़कों पर गेहूं फेंक कर अपना प्रदर्शन किया। सड़कों पर गेहूं फेंकते-फेंकते किसान डीसी ऑफिस पहुंचे और वहां भी गेहूं फेंका। किसानों का कहना है कि कंपनियां उनसे सस्ते दाम में खरीद कर रही हैं और उसे बाजार में महंगे दामों में बेचा जा रहा है।
सरवन सिंह पंधेर ने कहा कृषि बाजार को इकॉनमी से जोड़ने को अच्छा कदम बताकर किसानों को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। किसानों को बासमती का रेट 2 हजार से 24 सौ तक है, जबकि पिछले साल इसी फसल का रेट 3500-4000 रुपए के बीच था, जिसके चलते हर किसान को 25-30 हजार का सीधा नुकसान होता है।
उन्होंने कहा कि इस तरह आज उत्पादन को सस्ती कीमत देकर लूट लिया गया है, लेकिन बाजार से बासमती चावल खरीदने वाले को ऊंची कीमत पर खरीदना पड़ रहा है। पंजाब सरकार ने दावा किया था कि अगर बासमती का रेट 3200 रुपए से कम कर दिया जाए तो पंजाब सरकार इस घाटे को पूरा कर देगी लेकिन ऐसी स्थिति में पंजाब सरकार की ओर से कोई बयान नहीं दिया जा रहा है।