खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच एक बार फिर बढ़े कूटनीतिक तनाव के बीच अमेरिका भी कूद पड़ा है। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि कनाडा के आरोपों को गंभीर बताते हुए भारत को इसकी जांच में सहयोग करने की सलाह दी है।
अमेरिकी प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा कि कनाडा के आरोपों को भारत को गंभीरता से लेने की जरूरत है। हम चाहते थे कि भारत सरकार कनाडा और उसकी जांच में सहयोग करे, लेकिन भारत सरकार ने वैकल्पिक रास्ते को चुना।
बता दें कि भारत पहले और अब दोबारा कनाडा के आरोपों को बेबुनियाद बताकर सिरे से नाकार दिया है। जिसके बाद प्रतिक्रिया में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर रात 12 बजे से पहले भारत छोड़ने के लिए कह दिया है। जिसके बाद मामला उलझा हुआ है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने की बात कही है और उन्होंने चेताया कि कनाडाई नागरिक को उनकी जमीन पर धमकाने या हत्या करने के जैसे अपराधों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसे खारिज कर दिया और साफ कहा कि ट्रूडो वोट बैंक की राजनीति के लिए ऐसा कर रहे हैं। कनाडा के इन आरोपों के बाद भारत ने भी अपने उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को वापस बुला लिया है। भारत ने साफ कर दिया कि उन्हें अब कनाडा की मौजूदा सरकार पर भरोसा नहीं है।
इससे पहले भी अमेरिका कर चुका है हस्ताक्षेप
अमेरिका ने भारत और कनाडा के बीच तनाव पर पहली बार टिप्पणी नहीं की है। पिछले साल जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने संसद में भारत पर निज्झर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया था, तो अमेरिका ने भारत की प्रतिक्रिया पर चिंता व्यक्त की थी। उस समय भारत ने 41 कनाडाई राजनयिकों को वापस जाने के लिए कहा था। तब भी मैथ्यू मिलर ने कहा था कि अमेरिका का मानना है कि भारत को कनाडा की जांच में सहयोग करना चाहिए।
गहराया भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संकट
निज्जर हत्याकांड को लेकर भारत और कनाडा के बीच गहराए कूटनीतिक संकट के बीच कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जॉली ने कनाडा सरकार से छह भारतीय राजनयिकों की राजनयिक छूट माफ करने का अनुरोध किया, ताकि जांच एजेंसियां उनसे पूछताछ कर सकें। इस मामले में भारत ने ऐसा नहीं किया, इसलिए राजनयिकों को निष्कासित करना पड़ा। जिसके विरोध में भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को 19 अक्टूबर तक भारत छोड़ने को कहा है।
क्या है पूरा मामला?
कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक संबंधों के बीच आई दरार का प्रमुख कारण खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्झर की हत्या से जुड़ा है। भले ही निज्झर कनाडा का नागरिक है, लेकिन भारत ने उसे आतंकवादी घोषित कर रखा है। पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरी में एक गुरुद्वारे के पास उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
तब 18 सितंबर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने निज्झर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने का आरोप लगाया था। भारत ने हमेशा कनाडा के इन दावों को बेबुनियाद बताकर खारिज कर दिया है।