4 players who have scored a century and taken 5 wickets in the same ODI : किसी वनडे में हर ऑलराउंडर की हसरत होती है कि वह अपना सर्वश्रेष्ठ दे, लेकिन चंद ही इसमें कामयाब हो पाते हैं। मैच में शतक जड़ने के साथ ही 5 विकेट हासिल करना अपने आप में बेहद खास उपलब्धि है। वनडे क्रिकेट के करीब 53 साल के इतिहास में यह कारनामा अंजाम देने की अबतक चार प्लेयर- वेस्टइंडीज के विव रिचर्ड्स, इंग्लैंड के पॉल कॉलिंगवुड, यूएई के रोहन मुस्तफा और नीदरलैंड्स के बास डि लीडे ने एक ही वनडे में शतक और 5 विकेट लेने का कमाल किया है। हालांकि तीन भारतीय प्लेयर-सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और युवराज सिंह के पास भी इस उपलब्धि को हासिल करने का मौका था लेकिन दुर्भाग्यवश इस रिकॉर्ड के बेहद करीब पहुंचने के बावजूद वे चूक गए। इन तीनों ही प्लेयर ने एक ही मैच में शतक जड़ने के बाद चार विकेट लिए थे लेकिन एक विकेट से यह रिकॉर्ड चूक गए।
सबसे पहले रिचर्ड्स ने किया था यह कमाल
एक ही ODI में शतक और 5 विकेट लेने का कमाल सबसे पहले वेस्टइंडीज के विव रिचर्ड्स (Viv Richards) ने किया था। 18 मार्च 1987 को न्यूजीलैंड के खिलाफ ड्यूनेडिन वनडे में उन्होंने 113 गेंदों पर 10 चौकों और चार छक्कों की मदद से 119 रन बनाने के बाद 10 ओवर्स में 41 रन देकर 5 विकेट लिए थे। पार्ट टाइम बॉलर रिचर्ड्स ने इस दौरान जॉन राइट, जेफ क्रो, दीपक पटेल, जरमी कोनी और रिचर्ड हेडली को शिकार बनाया था और प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। रिचर्ड्स के बाद इंग्लैंड के पॉल कॉलिंगवुड ने 21 जून 2005 को नॉटिंघम वनडे में ऐसा किया। बांग्लादेश के खिलाफ मैच में उन्होंने नाबाद 112 रन (86 गेंद, 19 चौके) बनाने के बाद 31 रन देकर 6 शिकार किए। कॉलिंगवुड ने जावेद उमर, मो.अशरफुल, कप्तान हबीबुल बशर, आफताब अहमद, खालेद मसूद और मशरफे मुर्तजा को आउट किया था।
नीदरलैंड्स के डि लीडे ने किया यह कारनामा
पिछले साल के सबसे आखिर में नीदरलैंड्स के बास डि लीडे (Bas de Leede)ने स्कॉटलैंड के खिलाफ 6 जुलाई 2023 को बुलावायो में यह कमाल किया था। आईसीसी क्रिकेट वर्ल्डकप क्वालिफायर मैच में उन्होंने 10 ओवर में 52 रन देकर 5 विकेट लिए और फिर 92 गेंदों पर सात चौकों व पांच छक्कों की मदद से 123 रन बनाते हुए नीदरलैंड्स को 42.5 ओवर्स में 278 के टारगेट तक पहुंचने में खास भूमिका निभाई थी। मैच नीदरलैंड्स ने 4 विकेट से जीता था और डि लीडे प्लेयर ऑफ द मैच रहे थे। इस खास क्लब में जगह बनाने में नाकाम रहे हैं, इसमें श्रीलंका के सनथ जयसूर्या व तिलकरत्ने दिलशान, वेस्टइंडीज के क्रिस गेल, पाकिस्तान के शोएब मलिक व मोहम्मद हफीज और बांग्लादेश के शाकिब अल हसन शामिल हैं।
तीन भारतीय रिकॉर्ड के करीब पहुंचे लेकिन…
टीम इंडिया के तीन प्लेयर इस रिकॉर्ड के करीब पहुंचने के बावजूद इसे हासिल करने में नाकाम रहे। इसमें सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और युवराज सिंह शामिल हैं। सचिन (Sachin Tendulkar) ने 28 अक्टूबर 1998 को ढाका में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ विल्स इंटरनेशनल कप के क्वार्टर फाइनल में 141 रन (128 गेंद, 13 चौके व तीन छक्के) बनाने के बाद विपक्षी टीम के चार बैटरों (स्टीव वॉ, माइकल बेवन, डेमियन मार्टिन और ब्रेड यंग) को पवेलियन लौटाया था। ऐसा लग रहा था कि मास्टर ब्लास्टर यह खास रिकॉर्ड अपने नाम कर लेंगे लेकिन निचले क्रम के माइकल कास्प्रोविच के रन आउट होने के कारण उनकी संभावनाएं प्रभावित हुईं। सचिन ने मैच में 9.1 ओवर में उन्होंने 38 रन देकर 4 विकेट लिए थे।
सौरव, सचिन व युवराज इसमें रहे बदकिस्मत
इसके करीब पांच माह बाद सौरव गांगुली (Sourav Ganguly) भी इस मामले में बदकिस्मत साबित हुए। 22 मार्च 1999 को श्रीलंका के खिलाफ नागपुर वनडे में सौरव ने 160 गेंदों पर पांच चौकों और दो छक्कों की मदद से नाबाद 130 रन बनाए और फिर 21 रन देकर चार विकेट लिए। युवराज सिंह (Yuvraj Singh) का हाल भी ऐसा ही रहा। युवी ने 17 नवंबर 2008 को इंग्लैंड के खिलाफ इंदौर में हुए वनडे में 122 गेंदों पर 15 चौकों और दो छक्कों की मदद से 118 रन की शतकीय पारी खेली और फिर मेहमान टीम के ओवेस शाह, मैट प्रायर, एंड्रयू फ्लिंटाफ और केविन पीटरसन जैसे शीर्ष बैटरों को शिकार बनाया था। हालांकि इंटरनेशनल क्रिकेट में कपिल देव, इयान बॉथम, इमरान खान, रिचर्ड हैडली और जैक्स कालिस जैसे बेहतरीन ऑलराउंडर चमक बिखेर चुके हैं लेकिन कोई भी यह उपलब्धि हासिल नहीं कर पाया।