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Two Child Policy : 2 से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को न्यायसंगत ठहराया


Two Child Policy : 2 से ज्यादा बच्चे होने पर नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी, सुप्रीम
11/28/2024 12:43:23 PM         Raj        two child policy, two child norms for govt jobs, two child policy for govt jobs, bombay high court, supreme court on two child norms, uttar pradesh two child policy, how many states have two child norms for govt jobs             

You will not get a government job if you have more than 2 children : सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में सरकारी नौकरी के लिए दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने के नियम को न्यायसंगत माना है। इस फैसले से सरकारी नौकरी के इच्छुक लोगों पर सीधा असर पड़ेगा, जिससे परिवार नियोजन की नीति को बढ़ावा मिलेगा। सरकारी नौकरी के नियमों के तहत राजस्थान हाई कोर्ट के एक फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने न्यायसंगत ठहराया है। यह निर्णय सरकारी नौकरी के इच्छुक लोगों पर बड़ा असर डाल सकता है। आइए जानते हैं इस फैसले का पूरा विवरण और इसके संभावित प्रभाव।

दो से अधिक बच्चों पर रोक

भारत के विभिन्न राज्यों में सरकारी नौकरी के नियम भिन्न-भिन्न हैं। राजस्थान में यह विशेष नियम है कि जिसके दो से अधिक बच्चे हैं, वह सरकारी नौकरी के लिए योग्य नहीं माना जाएगा। यह नियम कुछ साल पहले लागू हुआ और इसका उद्देश्य परिवार नियोजन को बढ़ावा देना था। इस नियम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।

कोर्ट का सुप्रीम निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को न्यायसंगत ठहराते हुए कहा कि यह नियम राज्य के अधिकार क्षेत्र में आता है और इसे असंवैधानिक नहीं कहा जा सकता। कोर्ट का मानना है कि इस नियम को लागू करने के पीछे सरकार का उद्देश्य उचित है, जिससे परिवार नियोजन को बढ़ावा मिलेगा और यह संविधान की भावना के अनुरूप भी है।

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार द्वारा लागू इस नियम को भेदभावपूर्ण नहीं माना। कोर्ट का तर्क था कि परिवार नियोजन के लिए ऐसे नियम लागू करना राज्य सरकार का विशेषाधिकार है। कोर्ट ने कहा कि दो से अधिक बच्चे होने पर सरकारी नौकरी न देना अन्यायपूर्ण नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस दीपांकर दत्त, और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने इस फैसले को सुनाया ।

पूर्व के फैसले का समर्थन

सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनावों के नियम में भी इस तरह का प्रावधान सही ठहराया है, जिसमें दो से अधिक बच्चों वाले उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ सकते। इस प्रावधान को भी सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया था। इसके अनुसार, राजस्थान सरकार इस नियम को बनाकर परिवार नियोजन की नीति को बढ़ावा देना चाहती है, जो समाज और जनसंख्या नियंत्रण के हित में है।

ये है मामले की पृष्ठभूमि

इस फैसले की शुरुआत पूर्व सैनिक रामजी लाल जाट की याचिका से हुई थी। रामजी लाल जाट ने राजस्थान पुलिस में सिपाही पद के लिए 2018 में आवेदन किया था, परंतु उनका आवेदन राजस्थान पुलिस अधीनस्थ सेवा नियम, 1989 के नियम 24 (4) के अंतर्गत खारिज कर दिया गया था क्योंकि उनके दो से अधिक बच्चे थे। इसके बाद उन्होंने राजस्थान हाई कोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसे खारिज कर दिया गया।

सर्विस रूल्स में प्रावधान

राजस्थान सर्विस रूल्स के अनुसार, 1 जून 2002 या उसके बाद जिसके दो से अधिक बच्चे होंगे, वह सरकारी नौकरी के लिए अयोग्य माना जाएगा। इस नियम को लागू करने का अधिकार सरकार के पास है। कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि सरकारी नौकरी के लिए नियम राज्य सरकार का विशेषाधिकार है, और न्यायपालिका इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

कोर्ट के फैसले का प्रभाव

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से यह स्पष्ट होता है कि राज्य सरकारें अपनी नीति और नियम बनाने के लिए स्वतंत्र हैं। इस निर्णय का सीधा असर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों पर पड़ेगा। परिवार नियोजन के तहत बनाए गए इस नियम के जरिए राज्य सरकार जनसंख्या नियंत्रण और जिम्मेदार परिवार निर्माण को बढ़ावा दे रही है।

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