जालंधर के देश भगत मेमोरियल हॉल में नाटक एक बता जीरो का मंचन किया गया। दविंदर गिल द्वारा लिखित यह नाटक हमें गणित की कक्षा की याद दिलाता है लेकिन इसकी कहानी हमें हमारी सच्चाई से अवगत कराती है।
नाटक के निर्देशक हरजीत सिंह ने कहा कि जहां दुनिया में दिखावे का चलन जोर पकड़ रहा है, वहीं हमारी आनंदता भी इन सबके पीछे नहीं है। इस नाटक के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया है कि जिस जमीन पर हमारे देश का किसान जीवन भर गर्व करता है, जब वही जमीन उससे अलग हो जाती है तो उसे अपना जीवन ही निरर्थक लगने लगता है।
"चिहरे रंग-मंच" द्वारा प्रस्तुत इस नाटक की मुख्य भूमिकाओं में विकास आनंद, हरजीत सिंह, चाहत अनेजा और महताब सिंह ने मध्यमवर्गीय किसानों की कठिनाइयों को अपने बेहतरीन अभिनय से दर्शकों के सामने पेश किया। नाटक का संगीत संचालन हरीश डोगरा और दिनेश राजपूत ने किया। मंच सचिव एवं प्रकाश सज्जा में अंजलि ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई।
नाटक का मंचन शाम 7 बजे किया गया, जिसे देखने के लिए बड़े-बड़े दिग्गज देश भगत मेमोरियल हॉल पहुंचे। कलाकारों का यह समूह अपने दिवंगत साथी विक्रम सिंह को उनके जन्मदिन पर याद करने के लिए पहुंचा था। संयोजक अमोलक सिंह ने पंजाब में बढ़ती हिंसा और हथियारों को बढ़ावा देने वाले गायन की निंदा की। नाटक के अंत में निर्देशक हरजीत सिंह और "चिहरे रंग मंच" की टीम ने देश भगत मेमोरियल कमेटी और नाटककार दविंदर गिल को धन्यवाद दिया।