कहते हैं कि मां-बाप जो करते हैं वहीँ बच्चे भी सीखते हैं। कहने का मतलब की जैसे घर में बड़े बुजुर्ग अपना रहन सहन बना लेते हैं उसका असर बच्चों पर भी पड़ता है। लेकिन सबसे ज्यादा असर बच्चों पर उनके माता-पिता का पड़ता है।
जिसमे माता पिता का व्यवहार, बात करने का तरीका सब बच्चे धीरे धीरे सीख लेते हैं। इसके अलावा पेरेंट्स घर में बच्चे के सामने गुस्से में जो शब्द बोल देते हैं बच्चा भी वाही सीख जाता है। बच्चों के दिमाग में वे बाते घर कर जाती हैं और उसके मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
ऐसेम में जरुरी है कि पेरेंट्स को अपने बच्चों के सामने कुछ बातों का ध्यान रखने की बहुत ही ज्यादा जरूरत होती है। तो आईये आज ईसिस के बारे में जानते हैं।
आपको बता दें हर पेरेंट को अपने बच्चे के सामने सोच समझकर शब्दों का चयन करना चाहिए
- अपने स्वाभाव में भी changes करने की जरूरत होती है।
- बच्चों को डांटते समय भी सोच समझ कर ही बात करने
पेरेंट्स को अपने बच्चों को किन बातों को बार बार नहीं बोलना चाहिए
- अपने बच्चे को ज्यादा देर तक रोते हुए न छोड़ें, इस वजह से वह जल्दी हर बात पर रोने की आदत डाल लेगा। वहीँ बच्चे अक्सर अपनी बातें मनवाने के लिए तेज तेज रोना भी शुरू कर देते हैं। ऐसे में बच्चे में ये आदत बन जाएगी। आपको उस उस समय बच्चे को प्यार से समझाना है और उससे ये नहीं बोलना चाहिए कि तुम तो हर वक्त रोते ही रहते हो।
- आज के युग में बच्चे बहुत ही ज्यादा शार्प माइंड हैं। ऐसे में उन्हें भी अपनी इज्जत प्यारी है। इसलिए कभी भी बच्चों को उनके दोस्तों के सामने या घर से बाहर जब आपका बच्चा दोस्तों के साथ खेल रहा है तो उसे बिल्कुल नहीं डांटना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो उसका कॉन्फिडेंस कम हो सकता है।
- हर बच्चे में कोई न कोई खासियत होती है है। ऐसे में अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से न करें। माता पिता की इन आदतों से बच्चे का कॉन्फिडेंस गिर सकता है। इसकी जगह आप अपने बच्चे की छोटी से छोटी सफलता पर उन्हें सराहना न भूलें, इससे उनके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी होगी।
- आजकल के बच्चों को ज्यादा रोक टोक पसंद नहीं होती है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चे को किसी भी जगह डांटना शुरू कर देते हैं तो इससे उनके अंदर आपके लिए गुस्सा भर सकता है और वे आपके प्रति आक्रामक हो सकते हैं।