ख़बरिस्तान नेटवर्क : धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का 88 साल की उम्र में 21 अप्रैल को निधन हो गया। उनके निधन पर पर ऑर्ट ऑफ लिविंग के गुरु श्री श्री रविंशकर ने दुख प्रकट किया। उन्होंने कहा कि पोप फ्रांसिस वैश्विक मानवतावादी और आध्यात्मिक गुरु थे।
श्री श्री रविशंकर ने कहा कि पोप फ्रांसिस मन, वचन और कर्म से आस्तिक थे। परंपरावादी होने के बावजूद अलग सोच रखते थे। वे सुधार के पक्षधर थे और विभिन्न धर्मों को मानने वालों के बीच बातचीत के प्रबल समर्थक थे। पर्यावरण को लेकर उनकी चिंता और मानव तस्करी के खिलाफ उनके प्रयास उल्लेखनीय हैं।
आपसी समझ बढ़ाने की उनकी अपील उनके अनुयायियों को प्रेरित करती रहेगी। दिल्ली और वॉशिंगटन डी.सी. में आयोजित वर्ल्ड कल्चर फेस्टिवल के लिए उन्होंने आर्ट ऑफ लिविंग के लिए एक सद्भावना संदेश के साथ अपने प्रतिनिधि को भेजा था।