खबरिस्तान नेटवर्क। हाल ही में हुई एक स्टडी में यह पाया गया है की खराब लाइफस्टाइल के कारण सभी उम्र वर्गों की सेहत प्रभावित हो सकती है। जो लोग रोजाना 10 घंटे से ज्यादा बैठने में बिता देते हैं उनका डिमेंशिया का खतरा काफी बढ़ जाता है। ऐसे लोग टीवी देखने में या गेम खेलने के दौरान अधिकतर समय बैठे रहते हैं। पूरा दिन बस आलसी और सुस्त पड़े रहने से और दिन के बीच में थोड़ी बहुत भी फिजिकल गतिविधि न करने से आपके शरीर पर काफी भयानक प्रभाव पड़ सकता है। अगर आप दिन में जरा सा भी एक्टिव नहीं रहते हैं तो इसे खराब लाइफस्टाइल ही कहा जायेगा।
थोड़ी देर के लिए खड़े हो जाना चाहिए
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ कैलिफोर्निया से इस स्टडी के ऑथर डेविड का कहना है कि पूरी तरह से आलस वाला लाइफस्टाइल डिमेंशिया के रिस्क से जुड़ा हुआ है। ऐसा लंबे समय तक बैठे रहने से भी हो सकता है।
हम में से सभी लोगों को पता है कि अगर हमारा बैठे रहने का भी काम है तो हमें हर 30 मिनट बाद थोड़ी देर के लिए खड़े हो जाना चाहिए या फिर बाहर घूम फिर आना चाहिए। स्टडी के एक प्रोफेसर का कहना है कि हम इस तरह के पैटर्न का डिमेंशिया से संबंध जानने की कोशिश कर रहे थे। अगर आप एक बार खराब लाइफस्टाइल में शामिल हो जाते हैं तो फिर इसकी अवधी का कोई फर्क नहीं पड़ता है।
रिसर्च में 50 हजार लोगों को शामिल किया गया
रिसर्च में 60 की उम्र के आसपास के 50 हजार लोगों को शामिल किया गया। उन्हें डिमेंशिया का कोई लक्षण नहीं था। इन प्रतिभागियों ने एक हफ्ते तक रोजाना 24 घंटे के लिए एक्सीलरोमीटर को पहना और इसके लिए मशीन लर्निंग का प्रयोग किया गया। इसमें लोगों की शारीरिक गतिविधि और पूरे लाइफस्टाइल पर नजर रखी गई। इस यंत्र ने कंप्यूटर तकनीक के साथ मिलकर रिसर्चर्स को प्रतिभागियों के सारे दिन के लाइफस्टाइल के बारे में जानकारी दी।
6 साल तक लगातार फॉलोअप लेने के बाद रिसर्चर्स ने जब इन लोगों का हॉस्पिटल रिकॉर्ड और डेथ रजिस्ट्री डेटा को देखा तो पाया कि इनमें से 414 केस डिमेंशिया के लिए पॉजिटिव थे। यह जान कर काफी ज्यादा हैरानी हुई कि रोजाना 10 घंटे या फिर इससे ज्यादा समय तक बैठे ही रहने से डिमेंशिया का रिस्क काफी हद तक बढ़ जाता है। चाहे फिर इसके बाद आप कितनी ही देर तक इस खराब लाइफस्टाइल को जारी रखे। इस स्टडी में खराब लाइफस्टाइल और डिमेंशिया के बढ़ते रिस्क के बारे में एक संबंध जानने की कोशिश की गई। हालांकि जो लोग 10 घंटे से कम समय तक ऐसे बैठे रहते हैं या फिर जिनका लाइफस्टाइल इतना खराब नहीं होता उनका यह रिस्क बढ़ने का चांस काफी कम है।
ऐसा ऑफिस वाले लोगों को जरूर जान लेना चाहिए। अगर आप लंबे समय तक बैठे रहते हैं तो इसके बाद अपने लाइफस्टाइल को थोड़ा एक्टिव रखना भी काफी जरूरी होता है। बीच-बीच में वॉक पर जाना या फिर थोड़ा बहुत पूरे दिन भर में एक्टिव रहना आपकी सेहत के लिए काफी लाभदायक हो सकता है।