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रिसर्च ज्यादा नॉनवेज खाने से हो सकती है गंभीर बीमारी, जानें


रिसर्च  ज्यादा नॉनवेज खाने से हो सकती है गंभीर बीमारी,
12/3/2023 10:32:56 AM         Raj        non vegetarian, vegan food, un latest report on non vegetarian, research on non vegetarian, side effects of red meat             

नॉनवेज खाने से हमारे शरीर को कई फायदे मिलते हैं। नॉनवेज डिशेज को खाना लोग काफी पसंद करते हैं, स्वादिष्ट होने के साथ ही मीट पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है। चिकन, मछली, रेड मीट और सीफूड आदि सभी मीट की कैटेगरी में आते हैं। इनमें कैल्शियम, प्रोटीन, फास्फोरस, विटामिन ए, बी5, बी6, डी, नियासिन, बीटा कैरोटीन, क्रिएटिन, लाइकोपीन, आयरन, जिंक आदि जैसे शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। मीट खाने से आपके शरीर को जरूरी पोषण के साथ ही कई फायदे भी मिलते हैं। लेकिन इसके ज्यादा सेवन से आपको नुकसान भी पहुंचता है। जी हां,  UN की लेटेस्ट रिपोर्ट की मानें तो रेड मीट कम खाना चाहिए। बता दें कि कई रिसर्च में यह बात सामने आ चुकी है कि ज्यादा नॉनवेज खाने से मोटापा बढ़ने लगता है। चुंकि मीट में सेचपरेटेड फैट जमा रहता है। यही कारण है कि फैट इम्बैलेंस होता है. जिसके बाद लिवर-किडनी से जुड़ी बीमारी होती है। ज्यादा नॉनवेज खाने से डायजेस्टिव सिस्टम पर भी काफी खराब असर पड़ता है।


दरअसल डाइट में फाइबर कम होने के कारण आंत में खराबी या इंफेक्शन होने का खतरा फैल जाता है। पेट में एसिड बढ़ने के कारण बोन्स-ज्वाइंट्स में भी दर्द और परेशानी होने लगती है। अक्सर हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि अगर आपको नॉनवेज ज्यादा खाना पसंद हैं तो आपको उसमें ढेर सारी सब्जियां और फलियां मिलाकर खाना चाहिए।  


लगभग 30, 000 लोगों का डेटा किया गया शामिल - 


इस रिसर्च में लगभग 30, 000 लोगों के डेटा को शामिल किया गया। इसमें इन लोगों के डाइट से जुड़े सवालों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने इन व्यक्तियों को लाइफटाइम रिस्क पूलिंग प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में संयुक्त राज्य अमेरिका में छह संभावित ग्रुप अध्ययनों से चुना।  इन समूहों में शामिल हैं. ARIC (समुदायों में एथेरोस्क्लेरोसिस जोखिम) अध्ययन, CARDIA (युवा वयस्कों में कोरोनरी धमनी जोखिम विकास) अध्ययन, CHS (हृदय स्वास्थ्य अध्ययन), FHS (फ़्रेमिंघम हार्ट स्टडी), FOS (फ़्रेमिंघम संतान अध्ययन), और MESA ( एथेरोस्क्लेरोसिस का बहु-जातीय अध्ययन)।


रिसर्च में पाया गया कि जो लोग हर हफ्ते दो बार रेड मीट या प्रोसेस्ड मीट खाते हैं। उन्हें दिल का दौरा और स्ट्रोक सहित हृदय रोग का जोखिम 3% से 7% अधिक था, और सभी कारणों से मृत्यु का जोखिम 3% अधिक था। शोधकर्ताओं ने कहा कि प्रति सप्ताह दो बार मुर्गी पालन करने वाले लोगों में हृदय रोग का जोखिम 4% अधिक पाया गया, लेकिन मुर्गी पालन के बारे में स्पष्ट सिफारिश करने के लिए सबूत पर्याप्त नहीं थे। अध्ययन में मछली खाने और हृदय रोग या मृत्यु दर के बीच कोई संबंध नहीं पाया गया। 


आयुर्वेद के अनुसार मीट खाना चाहिए या नहीं -


आयुर्वेद हर उस चीज के सेवन को सही मानता है, जो प्रकृति मांस सहित भोजन या दवा के रूप में प्रदान करती है। मांस आयुर्वेदिक आहार और दवाओं का एक अभिन्न हिस्सा है। यह सबसे अच्छा भोजन माना जाता है, जो हमारे शरीर को पर्याप्त पोषण प्रदान कर सकता है। यह उन स्थितियों में खाने योग्य बताया गया है,  जहां पुनर्वास, ताकत के पुनर्निर्माण की आवश्यकता होती है।  इसलिए कमजोर, दुबले और दुर्बल लोगों मांस खाने की सलाह अधिक दी जाती है। मांस के गुण जानवर की आदत और आवास पर निर्भर करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार मांस खाना या न खाना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करता है। अगर आप मांस खाना चाहते हैं, तो आप खा सकते हैं। हालांकि कुछ स्थितियों में मीट खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि मांस पौधे आधारित सब्जियों की तुलना में पचने में अधिक भारी होता है।


नॉनवेज खाते भी हैं तो कुछ ऐसी लाइफस्टाइल रखें


- स्मोकिंग बिल्कुल छोड़ दें


- वजन को कंट्रोल में रखें


- 8 घंटे की नींद जरूर लें


- वर्कआउट करें


- बीपी-शुगर जरूर चेक करवाएं


- मेडिटेशन करें


डॉक्टरों की सलाह लें 


अगर आप रोजाना प्रोसेस्ड मीट, रेड मीट और किसी भी तरह के मांस का सेवन करते हैं, तो इससे आपके हृदय रोग का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही कहा कि खाने की चीजों में बदलाव लाना है तो इसमें डॉक्टरों की सलाह लेनी चाहिए।

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