केंद्र सरकार ने बुधवार को केदारनाथ और हेमकुंट साहिब रोपवे परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। इसकी कुल लागत 4,081.28 करोड़ रुपये होगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इसकी जानकारी दी। अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 12.9 किलोमीटर लंबे केदारनाथ रोपवे प्रोजेक्ट पर 4,081 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत आएगी और 12.4 किलोमीटर लंबे हेमकुंड साहिब रोपवे प्रोजेक्ट पर 2,730 करोड़ रुपये की लागत आएगी। ये दोनों प्रोजेक्ट पर्वतमाला परियोजना का हिस्सा होंगे।
सिर्फ 36 मिनट में केदारनाथ पहुंचेंगे श्रद्धालु
केदारनाथ रोवपे से यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर 36 मिनट हो जाएगा। केदारनाथ रोपवे दुनिया के सबसे लंबे रोपवे में से एक होगा। इसका निर्माण समुद्र तल से 3,583 मीटर की ऊंचाई पर किया जाएगा।
गुरु गोविंद सिंह ने लगाया था ध्यान
बता दें कि हेमकुंट साहिब चमोली जिले में 4,329 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। इसके साथ ही यह प्रतिष्ठित सिख स्थलों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह ने हेमकुंड झील के तट पर ध्यान लगाया था। पौराणिक मान्यता यह भी है कि युद्ध में घायल होने के बाद लक्ष्मण ने हेमकुंड झील के तट पर ध्यान लगाया था। इससे वे ठीक हो गए थे।
12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है केदारनाथ
केदारनाथ मन्दिर उत्तरी भारत में पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है, जो समुद्र तल से 3584 मीटर की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित है। इस क्षेत्र का ऐतिहासिक नाम "केदार खंड" है। केदारनाथ मन्दिर उत्तराखंड में चार धाम और पंच केदार का एक हिस्सा है और भारत में भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।