तीन नए क्रिमिनल लॉ को 1 जुलाई 2024 से लागू कर दिया जाएगा। जिसकी शनिवार( 24 फरवरी) को नोटिफिकेशन जारी कर दी गई है। नए कानून के लागू होने के बाद जो धाराएं अपराध की पहचान बन चुकी थी उनमें भी बदलाव होगा। जैसे हत्या के लिए लगाई जाने वाली IPC की धारा 302 अब धारा 101 कहलाएगी।वहीं ठगी के लिए लगाई जाने वाली धारा 420 अब धारा 316 होगी। हत्या के प्रयास के लिए लगाई जाने वाली धारा 307 अब धारा 109 कहलाएगी। वहीं दुष्कर्म के लिए लगाई जाने वाली धारा 376 अब धारा 63 होगी।
भारतीय न्याय संहिता में क्या बड़े बदलाव हुए
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) में 20 नए अपराध जोड़े गए हैं।
- ऑर्गेनाइज्ड क्राइम, मॉब लिंचिंग पर सजा का प्रावधान।
- डॉक्यूमेंट में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल रिकॉर्ड शामिल हैं।
- IPC में मौजूद 19 प्रावधानों को हटा दिया गया है।
- 33 अपराधों में कारावास की सजा बढ़ा दी गई है।
- 83 अपराधों में जुर्माने की सजा बढ़ा दी गई है।
- छह अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है।
इन कानूनों में बदलाव
बता दें कि अब इंडियन पेनल कोड (IPC) की जगह भारतीय न्याय संहिता, क्रिमिनल प्रोसीजर कोड (CrPC) की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और एविडेंस एक्ट की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू हो जाएगा।
बता दें कि हिट एंड रन से जुड़ा प्रावधान तुंरत लागू नहीं होगा। यूनियन होम सैक्रेटरी अजय भल्ला ने जनवरी में कहा था कि भारतीय न्याय संहिता (Indian Judicial Code) की धारा 106 (2) को लागू करने का फैसला अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) से सलाह के बाद ही लिया जाएगा।
किसमें क्या बदला?
- IPC: कौनसा कृत्य अपराध है और इसके लिए क्या सजा होगी? ये आईपीसी से तय होता है। अब इसे भारतीय न्याय संहिता (Indian Judicial Code) कहा जाएगा। आईपीसी में आईपीसी में 511 धाराएं थीं, जबकि बीएनएस में 358 धाराएं होंगी. 21 नए अपराध जोड़े गए हैं। 41 अपराधों में कारावास की अवधि बढ़ाई गई है।
भारतीय दंड संहिता (What is the Indian Penal Code
एक व्यापक कोड है जो आपराधिक कानून के सभी सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे मे बताती है। मूल कानून वे हैं जो नागरिक कानून के अधिकारों और जिम्मेदारियों के साथ-साथ आपराधिक कानून में क्राइम और सजा को बताता है।
- CrPC: गिरफ्तारी, जांच और मुकदमा चलाने की प्रक्रिया सीआरपीसी में लिखी हुई है. सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं. अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता में 531 धाराएं होंगी। 177 की धाराओं को बदल दिया गया है।
- इंडियन एविडेंस एक्ट:
केस के तथ्यों को कैसे साबित किया जाएगा, बयान कैसे दर्ज होंगे, ये सब इंडियन एविडेंस एक्ट में है. इसमें पहले 167 धाराएं थी। भारतीय साक्ष्य संहिता में 170 धाराएं होंगी। 24 घाराओं में बदलाव किया गया है. दो नई धाराएं जुड़ीं हैं। 6 धाराएं खत्म हो गईं हैं।