ख़बरिस्तान नेटवर्क, शिमला : सर्दी खांसी जुखाम, बीपी, एलर्जी सहित ह्रदय रोग से संबंधित देश भर की 48 दवाओं को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने जांच में खराब पाया है। देश भर की 48 दवाओं में हिमाचल में निर्मित 12 दवाओं के सैंपल भी गुणवत्ता के पैमाने पर ठीक नहीं उतरे हैं। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग जिलों के 11 फार्मा उद्योगों में निर्मित 12 दवाएं जांच में घटिया गुणवत्ता की पाई गई हैं।
इन दवाओं के सैंपल हुए फेल
हिमाचल के 11 दवा उद्योगों में निर्मित 12 दवाएं व इंजेक्शन सबस्टैंडर्ड पाए गए हैं। जो दवाएं गुणवत्ता के पैमाने पर खरा नहीं उतरी हैं, उनमें हाई बीपी, एलर्जी, स्ट्रोक, एंटीबायोटिक व निमोनिया के उपचार में इस्तेमाल की जाने वाली दवाएं व इंजेक्शन शामिल हैं।
इसके अलावा कैल्शियम सप्लीमेंट व एंटीसेप्टिक मरहम भी जांच में फेल हो गए हैं। यह खुलासा सीडीएससीओ ने जारी अगस्त माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। सबस्टैंडर्ड पाई गई दवाओं का निर्माण ऊना, मैहतपुर, कालाअंब, पावंटा साहिब, नालागढ़, बद्दी, बरोटीवाला स्थित दवा उद्योगों में हुआ है। इन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, इसमें हार्ट अटैक के दौरान इस्तेमाल होने वाले इंजैक्शन, बीपी, एंटी बायोटिक, एलर्जी व दिल की बीमारी से संबंधित दवाएं शामिल हैं।