Dhanu Kharmas will start as soon as Sun God enters Sagittarius : सूर्य का किसी राशि में प्रवेश संक्रांति कहलाता है। धनु राशि बृहस्पति की आग्नेय राशि है और इसमें सूर्य का प्रवेश विशेष परिणाम पैदा करता है। ज्योतिषीय कारणों से शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं इसलिए इसे धनु खरमास भी कहते हैं। 15 दिसंबर को सूर्य देव के धनु राशि में प्रवेश करते ही धनु खरमास आरंभ हो जाएगा। धनु राशि को सम्पन्नता की राशि माना जाता है। इस समय सूर्य धनु राशि में चला जाता है, जिसको सुख समृद्धि के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। कहते हैं कि इस समय अगर विवाह किया जाए तो सुख मिलने के योग कम होते हैं।
धनु खरमास में वर्जित हो जाते हैं मंगल कार्य
द्विरागमन, कर्णवेध और मुंडन जैसे मंगल कार्य धनु खरमास की अवधि में वर्जित हो जाते हैं। धनु राशि यानी अग्नि भाव में सूर्य का होना है, जो स्थितियों को बिगाड़ सकता है। इस दौरान किए गए कार्य या रिश्ते खराब हो सकते हैं। बीमारियां और रोग बढ़ते हैं। लोगों के मन में खूब सारी चंचलता आ जाती है।
धनु खरमास में नहीं शुरू करते नया काम
धनु खरमास में नया व्यवसाय आरम्भ करना आर्थिक मुश्किलों को जन्म देता है क्योंकि इस समय बिना चाहे खर्चे काफी बढ़ सकते हैं। इस अवधि में शुरू किए हुए व्यवसाय बीच में रुक जाते हैं। व्यवसाय में काफी कर्ज हो जाता है और धन का वापस आना मुश्किल हो जाता है।
धनु खरमास में नहीं खरीद पाते सुख संपत्ति
संपत्ति बनाने का उद्देश्य संपत्ति का सुख पूर्वक उपभोग करना है। अगर इस समय में मकान बनाया जाएगा तो उसका सुख मिल पाना काफी कठिन होगा। कभी-कभी दुर्घटनाओं की संभावनाएं भी बन जाती हैं। इस अवधि में बनाए गए मकान आमतौर पर कमजोर होते हैं और उनसे निवास का सुख नहीं मिल पाता है।
जीवन में कोई समस्या आने पर करें उपाय
यदि धनु खरमास के चलते आपके जीवन में कोई समस्या आए तो रोज सुबह हल्दी मिला हुआ जल सूर्य देव को अर्पित करें। हल्दी या केसर का तिलक लगाएं। रोज शाम को शनि मंत्र का जप करें। शनिवार शाम को पीपल के नीचे दीपक जलाएं।