Aries scientist told the story of the parade of planets, this view can be seen through telescope till February : नैनीताल स्थित एरीज के वैज्ञानिक ने ग्रहों को लेकर एक रोचक जानकारी साझा की है। वैज्ञानिक ने कहा कि सारे ग्रह लगभग एक सीधी रेखा में हमेशा दिखते हैं। ऐसा दिसंबर के अंत से शुरू होकर 2 महीने तक होने वाला है। यह बहुत दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं है क्योंकि जून-जुलाई 2022 में भी ऐसी घटना हुई थी।
सोशल मीडिया पर दावा किया गया था
दरअसल, सोशल मीडिया पर दावा किया गया था कि 25 जनवरी को एक दुर्लभ खगोलीय घटना होगी, जिसमें ग्रहों की परेड होने वाली है या कई ग्रह एक सीधी रेखा में आने वाले हैं। यह भी कहा गया था कि ग्रह एक ही स्थान पर अलाइन होने वाले हैं, जबकि ऐसा कुछ नहीं था। ग्रहों की परेड एक अनौपचारिक शब्द है। सच यह है कि न ये ग्रह एक स्थान पर अलाइन होने वाले हैं। न ही 25 जनवरी को इस तरह का कुछ होने वाला था।
अलग-अलग समय पर सीधी रेखा में
सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की कक्षा को क्रांतिवृत्त (ecliptic) कहा जाता है। उसे बहुत सी खगोलीय बातों के संदर्भ में लिया जाता है। जिस तरह सौर मंडल की उत्पत्ति हुई। उसके कारण सभी ग्रह सूर्य की परिक्रमा करते हैं इसलिए पृथ्वी से देखने पर सभी अन्य ग्रह रात के आकाश में अलग-अलग समय पर लगभग एक सीधी रेखा में नजर आते हैं। कल्पना कीजिए कि आप एक विशाल चूड़ी के अंदर हैं और अन्य ग्रहों को इस चूड़ी के बराबर चलते हुए देख रहे हैं।
दूरी की कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा
ग्रह अलग-अलग दूरी की कक्षाओं में सूर्य की परिक्रमा करते हैं। वे ऐसा अलग-अलग अवधि में करते हैं। उदाहरण के लिए- पृथ्वी के एक दिन को इकाई मानें तो बुध को 88 दिन लगते हैं। शुक्र को 225 दिन लगते हैं। पृथ्वी को लगभग 365 दिन लगते हैं और इसी तरह अन्य ग्रहों को और अधिक समय लगता है। जब तक सूर्य से दूर का कोई ग्रह एक चक्कर पूरा करता है। तब तक पास का एक ग्रह एक से अधिक चक्कर पूरा कर चुका होता है।
टेलिस्कोप में भी केवल बिंदु दिखते
कुछ वर्षों के दौरान ऐसे कई अवसर होंगे। कुछ दिनों से लेकर कई महीनों की अवधि तक हमें रात के आकाश में एक समय पर दिखाई देंगे। बुध, शुक्र, मंगल, बृहस्पति और शनि इतने चमकदार हैं कि वे खुली आंखों से भी चमकीले तारों की तरह दिखाई देते हैं। उनके आकार को स्पष्ट रूप से देखने के लिए एक छोटा टेलिस्कोप पर्याप्त है। यूरेनस और नेपच्यून इतने धुंधले हैं कि वे खुली आंखों से नहीं देखे जा सकते और टेलिस्कोप में भी केवल बिंदु सरीखे दिखाई देते हैं।
आधी रात एक समय पर देखा गया
दरअसल, जून 2024 से सूर्योदय से पहले शनि, नेपच्यून, यूरेनस, बृहस्पति और मंगल ग्रह आकाश में मौजूद थे। इन सभी को आधी रात के आसपास एक समय पर देखा जा सकता था। शुक्र भी सूर्यास्त के बाद पश्चिमी आकाश में मौजूद था, लेकिन बृहस्पति और मंगल के उदय होने तक यह अस्त हो रहा था। नवंबर के अंत तक मंगल को छोड़कर ये सभी ग्रह शाम के आकाश में दिखाई देने लगे और दिसंबर का अंत होते होते ये सभी सूर्यास्त के कुछ घंटों बाद देखे जा सकते थे।
फरवरी तक सूर्यास्त के बाद दिखेगा
ये फरवरी के तीसरे सप्ताह तक सूर्यास्त के बाद दिखाई देंगे, जिसके बाद शनि ग्रह आकाश में सूर्य के बहुत करीब लगेगा। इसे देखना मुश्किल हो जाएगा इसलिए ग्रहों की परेड कोई दुर्लभ खगोलीय घटना नहीं है। टेलिस्कोप से इन्हें देखा जा सकता है। एरीज या अन्य खगोल विज्ञान अनुसंधान संस्थानों, तारामंडलों (प्लेनेटेरियम), विज्ञान केंद्रों या शौकिया खगोल विज्ञान संगठनों में जाकर दूरबीन के माध्यम से ग्रहों को देखा जा सकता है।