वेब खबरिस्तान, नई दिल्ली : मसाला क्रिकेट देखने का मजा लाजवाब हैै। मगर इस वर्ल्डकप 2023 (World Cup 2023) में स्टार गेंदबाजों के फीके प्रदर्शन ने फैंस का मजा किरकिरा किया ही, साथ ही इस टूर्नामेंट के लगभग हर मैच में इनका गेंदबाजी प्रदर्शन फिसड्डी ही साबित होता हुआ नजर आया है। इस टूर्नामेंट में मार्क वुड (Mark Wood), मिचेल स्टॉर्क (Mitchell Starc), लॉकी फर्ग्यूसन (Lockie Ferguson), हारिस रऊफ (Haris Rauf) और मथीसा पथिराना (Matheesha Pathirana) जैसे तेज गेंदबाज (150 किमी/घंटे के आसपास की गति वाले) नजर आए हैं। इन सभी से उम्मीद थी कि ये अपनी गति से विपक्षी बैटरों को खौफजदा करते हुए टीम के लिए विकेट हासिल करेंगे और जीत में योगदान देंगे लेकिन अब तक यह देखने में तो नहीं आया है। मौजूदा वर्ल्डकप में अच्छी खासी गति से बॉलिंग करने वाले किसी खिलाड़ी का असाधारण प्रदर्शन देखने को नहीं मिला है। ये न तो ज्यादा विकेट हासिल कर पाएं हैं, महंगे साबित हुए हैं सो अलग।
तेज गेंदबाजों के वर्ल्डकप 2023 में प्रदर्शन पर एक नजर
मिचेल स्टॉर्क
ऑस्ट्रेलियाई टीम को बाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज से बहुत उम्मीद थीं.इसकी वाजिब वजह भी है,पिछले दो वर्ल्डकप में वे सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले बॉलर रहे हैं.145 KM/H से अधिक की गति से बॉलिंग में सक्षम स्टॉर्क को यॉर्कर फेंकने में में भी महारत है. बाएं हाथ का बॉलर होने के कारण इनकी बाहर निकलती गेंदें, विपक्षी बैटरों के लिए परेशानी खड़ी करती हैं. वर्ल्डकप 2023 में उनका प्रदर्शन अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहा। 8 मैचों में अबतक 43.90 के भारीभरकम औसत से 10 विकेट ही हासिल कर पाए हैं.उनकी इकोनॉमी 6.55 की रही है यानी हर ओवर में उन्होंने करीब साढ़े छह रन खर्च किए हैं.इस इकोनॉमी को टी20 के लिहाज से भले ही ठीकठाक माना जाए लेकिन वनडे में इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता. सेमीफाइनल में पहुंच चुकी ऑस्ट्रेलिया को स्टॉर्क से आगे के मैचों में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद होगी.
हारिस रऊफ
वर्ल्डकप के ठीक पहले नसीम शाह के चोटिल होने के बाद पाकिस्तान टीम के फ्रंटलाइन तेज बॉलर के तौर पर शाहीन शाह अफरीदी और हारिस रऊफ भी शेष बचे थे.शाहीन तो एक हद तक उम्मीदों पर खरे उतरे हैं लेकिन रऊफ ने पूरी तरह निराश किया.150 किमी प्रति घंटा या इससे अधिक की गति से बॉलिंग करने वाले रऊफ का हश्र तो ऐसा रहा कि जितनी तेज गति से उन्होंने गेंद फेंकी है, उससे भी अधिक तेज गति से उनके खिलाफ शॉट लगा है.लगभग हर मैच में कप्तान उनका 10 ओवर का कोटा भी बमुश्मिल पूरा करा पाया है. 8 मैचों में 36.07 के औसत से 13 विकेट तो हासिल किए लेकिन 6.79 की इकोनॉमी टूर्नामेंट में रनों की कहानी बयां कर रही है.
मार्क वुड
इंग्लैंड का प्रदर्शन वर्ल्डकप 2023 में सबसे अधिक हैरान करने वाला है। गत विजेता टीम इस बार फिसड्डी साबित हुई है। इसका कारण गेंदबाजी और बल्लेबाजी,दोनों ही मोर्चों पर प्लेयर्स की नाकामी रही है। वुड लगातार 150 KM/H या इससे अधिक की गेंद फेंकते हैं, उनसे टीम को काफी उम्मीद थी लेकिन उन सहित टीम के सभी स्टार प्लेयर 'टॉय टॉय फुस्स' रहे हैं। 7 मैचों में 58.16 के औसत से केवल छह विकेट ले पाए हैं। इकोनॉमी 6.46 की है यानी उनके हर ओवर में औसतन छह से अधिक रन बने हैं।
लॉकी फर्ग्यूसन
न्यूजीलैंड का यह स्पीड स्टार 150 किमी/घंटे या इससे अधिक की गति से गेंद फेंकने में माहिर है लेकिन विकेट लेने में खास सफल नहीं रहे हैं। बीच के मैचों के दौरान इनका चोटिल होना भी कीवी टीम के लिए झटका रहा। 6 मैचों में 23.60 के औसत और 5.23 की इकोनॉमी से 10 विकेट लिए हैं. टूर्नामेंट के 150 किमी/घंटे की गति वाले बॉलरों में सबसे अच्छा प्रदर्शन इनका ही रहा है। हालांकि टीम इनसे कुछ ज्यादा विकेट की उम्मीद लगाए है।
मथीसा पथिराना
महज 20 साल के इस बॉलर को भविष्य की खोज माना जा रहा। आईपीएल में एमएस धोनी की चेन्नई सुपरकिंग्स के लिए खेले पथिराना का एक्शन लसिथ मलिंगा की तरह है। स्लिंगी एक्शन के कारण इस बॉलर की गेंदों को पढ़ना आसान नहीं होता। पथिराना 150 किमी के आसपास की रफ्तार से गेंद फेंकते हैं लेकिन दिशाहीन होने के कारण इस वर्ल्डकप में बेहद महंगे. टूर्नामेंट के दो सबसे महंगे गेंदबाजी विश्लेषण भी इनके नाम दर्ज हैं। केवल दो मैच खेले और 92.50 के औसत से दो विकेट लिए। उनकी इकोनॉमी 9.73 की रही.चोट के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो चुके हैं।